सदा सकारात्मक सोचिए सकारात्मकता है वरदान इससे बढ़ती मिठास बहुत बढ़ता समाज में सम्मान सकारात्मकता सदराह दिखाती मंजिल को पास ले आती नहीं तनिक भी हानि इसमें यह तो है सदगुणों की खान सकारात्मक सोच का संकल्प बन जाएगा ठोस प्रकल्प यही सुख का आधार बनेगा परमात्म प्यार का सार […]

माता पिता है जग में सबसे बडा खजाना दोनों चाहते संतान को अपने से आगे ले जाना खून पसीना बहाकर संतान का करते पोषण संतान के कैरियर को बेच देते सब आभूषण इस मेहनत के बलबूते जब बच्चे हो कामयाब माता पिता का ध्यान रखकर वे दे उन्हें पूर्ण  सम्मान […]

यह संसार मिथ्या है इसे समझ को खूब कही दुख की छाया है कही खुशियों की धूप दुख सुख कभी टिकते नहीं एक साथ कभी चलते नहीं समान भाव से जिये जो इनको उससे बलवान कोई होता नहीं यह तो है परमात्म लीला बस इसपर किसी का चलता नहीं। #गोपाल […]

अन्नदाता ने मांगा हक तो तेवर उनके बदल गए जो पेट भरता है सबका उन पर सरकार अकड़ गए अहिंसा दिवस पर हिंसा का किसानों पर जोर आजमाया गन्ने का मूल्य ही तो मांगा था पुलिस से क्यों उन्हें पिटवाया भूखे पेट रहकर किसान पेट अमीरों का भरते है फसल […]

मन में जो हो उसे लेखनीबद्ध कीजिए जो लिखा उसका फिर आंकलन कीजिए मन की तस्वीर धुंधली दिखाई दे अगर मन पर जमी धूल को साफ कर लीजिए इसके लिए अपनानी होगी राजयोग विधा परमात्म याद के साबुन से मन को धो लीजिए हो जाओगे इस विधि से तुम पावन […]

अहिंसा पर हिंसा भारी कैसी हो गई ये लाचारी परलोक में बापू आहत है गांधीवाद अब समाप्त है जो किसान की जय बोलते थे जो जवान की जय बोलते थे उनका सपना भी चकनाचूर है स्वर्ग में लाल बहादुर मजबूर है उनके जैसी सादगी चली गईं बेईमानों से ईमानदारी हार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।