इस दुनिया में देखो कलाकार बहुत है सच और झूठ के सलाहकार बहुत है मत दिखाना अपनी गरीबी किसी को क्योंकि लोग यहां अब लाचार बहुत हैं चलते यहाँ सिलसिले सिर्फ गुफ्तगूं के यहाँ पर बातचीत के गुणाकार बहुत हैं रहनुमाओ कसीदें देने से कुछ नही होगा हर घर घुसकर […]

ज्ञान की देवी सरस्वती पूजता हूँ तुम्हें, बुद्धि और विवेक के भंडार भर दीजिए। व्यर्थ शब्दों का अवशेष फैल रहा चहुंओर, शुद्धता बना दो दूर सब विकार कर दीजिए। प्रेम-प्यार वाली बोली सब बोलने लगें तो, द्वेष वाली भावना का उदगार कर दीजिए। चाहता हूँ लेखनी राष्ट्र हित में ही […]

नारी—– तुझमें ही प्रेम प्रतिज्ञा का रुप हमने देखा है, तुझमें ही रणचंडी का स्वरुप हमने देखा है। तुम प्रतिमा हाड़ा रानी के शीश दान की हो, तुम पावन गाथा पन्ना धाय के स्वाभिमान की हो। हम तुम्हें दुर्गा काली का अवतार समझते हैं, रानी लक्ष्मीबाई की,पैनी तलवार समझते हैं। […]

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सुनो न मेरी प्यारी माँ, मुझे दूर न तुझसे जाना। कितना प्यारा था वो बचपन, जब नींद को गोद और सिर पर हाथ मिल जाता था, सब कुछ भुलाकर सीने से तेरे लग जाता था, माँ आगे बढ़ने की है चाहत पर, मुझे दूर न तुझसे जाना, माँ तूने दिया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।