आज दिन भर आराम करना है।। शिमला की सड़कों पर घूमते रहे। आज सूट बूट भी थोड़े अच्छे वाले पहने है।आज कोई नही कह सकता कि ये पाँचों ईंट रेत और बजरी की ढुलाई करने वाले मजदूर हैं। वैसे भी इन्हें कोई मजदूर कहे तो इन्हे अच्छा नही लगता। इनको […]
मौन… पीडा को जीने का साहस है अनर्गल पर अंकुश है मौन स्वाभिमान की पराकाष्ठा है। परन्तु मौन हलाहल भी है जब फूटते है भीतर ही भीतर असंख्य ज्वालामुखी मौन फंदा है जब तुम कुढते हो दिल से दिमाग तक…। मौन मेरी स्वीकृति है तुम्हेँ स्वतन्त्र रखने को मौन प्रतिकार […]
कितनी मिथ्यावादी होती है न माँयें… बेटा कोमल ममता को ठुकराता है तो चुल्हे पर बैठकर आँसुओं का सारा दोष धूँयें को देती है.. छोडकर दुत्कार कर चला गया साथी.. अन्धाधुन्ध द्रान्ती चलाती घास काटती माँये आँसुओं का सारा दोष तिनके को देती है। कितनी मिथ्यावादी होती है माँयें… मूँह […]
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर, जन गण मन का वंदन है…l कोटि प्रणाम आप सबको है, कोटि-कोटि अभिनंदन है…l जिसका मुकुट शुभ्र हिमगिरि है, सागर चरण पखारे प्रतिदिनl अगणित नदियाँ शिरा धमनियाँ, पावन नीर प्रवाहित निशिदिनl जिसका हृदय प्रयागराज है, जिसकी माटी चंदन है…l कोटि प्रणाम देवभूमि को कोटि-कोटि […]
सर्दी-गरमी व वर्षा से, क्या घबराना,क्या घबराना ? नव अंकुर से नए विहग से, सीखें शीश उठाना। एक बीज जब घर से बाहर, खेतों में बोया जाता। संगी साथी साथ न होते, निपट अकेला हो जाता। नमी और गर्मी पाकर के, बीज प्रफुल्लित हो जाता। बीज चोल का तोड़ आवरण, […]
जीवन का संघर्ष कठिन है, खुद ही खुद से लड़ना पड़ता है और स्वयं कविता लिखकर के, स्वयं उसे पढ़ना पड़ता है। अंतर्द्वंद हमेशा चलता, सदा हृदय में अगर मगर है स्वयं चला पथ पर तो जाना, सरल नहीं है कठिन डगर है॥ बड़े-बड़े गड्ढे हैं पथ पर, कंटक भी […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।