देख समय ने पलटी खायी, मोबाइल के दर्शन भोर। साहुकार बंदिश में रहते, खुले डोलते डाकू चोर। पहले शहरों में बसती अब, कविता चली गाँव की ओर। अखबारों का युग बीता है, टीवी धुँधले होते आज। कथा कहानी पुस्तक पढ़ना, रीत बीत कर बिगड़े काज। वाट्स एप हर जन हर […]

हो ये नया साल ऐसा कि, इंसान इंसान का दुश्मन बने ना! किसी के बोले कड़वे शब्द, किसी पर खंजर बन तने ना!! किसी पुरुष के लांछन की, ना शिकार हो कभी कोई नारी! ना घुट-घुट कर जिए कोई, सुकूँ से बिता सके जिंदगी सारी!! ना कत्ल हो किसी का […]

ऐ विप्लव के वीर , तू शर संधान कर सधेगा हर लक्ष्य , बस तू कर्म का आह्वान कर जय तिलक लिये मस्तक पर प्रवृत्त हो प्रगति पथ पर हार को दे मात बस तू जीत का विधान कर ऐ विप्लव के वीर …. अर्णव सा हो वेग प्रचण्ड बाधाएं […]

जोश इतना इतनी  जवानी  मिली है शौर्य के उनके हमको कहानी मिली है शत शत  हमारा  नमन वीरों  को है खून में उनके कितनी रवानी मिली है हँसते हँसते जो चढ़ गए सूली पर भी आजादी उन्ही की मेहरबानी मिली है डर ना किसी का ,रौंद डाले गद्दारों को जवानी  […]

मेरे अास-पास के लोगों का कद हो गया उनके वास्तविक कद से कहीं अधिक ऊँचा विड़ंबना यह भी है वो नहीं जानते झुकना भी इसलिए मुझे ही करने पड़ेंगे अपने चौखट-दरवाजे उनके कद के अनुरूप ताकि बचाया जा सके रिश्तों को दुर्घटनाग्रस्त होने से #विनोद सिल्ला   जीवन परिचय   […]

अशांति दुख अगर है समाधान उसका कीजिए क्यो हुआ, कैसे हुआ कारण कुछ न दीजिए कारण नही ,निवारण खोजो अशांति दुख को दूर भेजो शांति खुशी सबको मिले ऐसी राह का मार्ग तो खोजो मन,वचन,कर्म से रहो एक समान स्नेह,सहयोग के लेप से दिव्य हो हर समाधान हर परीक्षा में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।