जो चाहते हो दुसरो से वही दीजिए आप हर कष्ट मिट जायेगा नही रहेगा कोई सन्ताप व्यवहार हमारा ऐसा हो लगे सभी को प्यारा मुंह से निकले मीठी वाणी मित्र हो जाए जग सारा उच्च चरित्र मिशाल बने हर कोई कद्रदान बने पावनता की प्रतिमूर्ति हो जीवन ईश्वरीय वरदान बने। […]

आत्मचिंतन करते रहिए स्वयं को अच्छा बनाते रहिए बुराई कोई न रहे अपने में ऐसा प्रयास करते रहिए आत्मचिंतन से स्वयं को बदले प्रभु चिंतन से युग को बदले दोनो ही बदलाव करते रहिए स्वयं व युग को बदलते रहिए तरक्की का आधार यही है चिंतन का प्रकार यही है […]

मथुरा नरेश कंस को कभी न मिला सम्मान उनके भांजे कृष्ण को पूजता हर इंसान आतंक,हिसा,अहंकार से कंस हुआ बदनाम दिलो मे बसकर गोप गोपियो के कन्हैया बन गए महान विकर्म और सद्कर्म मे यही बड़ा है भेद विकर्म से कंस खलनायक बने सद्कर्म से कृष्ण अभेद परमार्थ का साथ […]

लोकहित करते चलो सबका हित सोचते  चलो जिसके भी काम आ सको निमित्त उसके बनते चलो निस्वार्थ भाव अपनाते चलो सबको अपना बनाते चलो सभी आपको चाहने लगे ऐसा विश्वास बढ़ाते चलो प्रभु को साथी बनाते चलो याद मे उसकी चलते चलो जीवन मंजिल मिल जायेगी कदम से कदम बढ़ाते […]

तन की सुंदरता क्षणिक है मन की सुंदरता अविराम तन को लेकर अहंकार कैसा फिसलती रेत ही जान जो आज है वह कल नही फिर तो यह तन भी नही आत्मा सदा ही रहती अमर तन तो वस्त्र है कितने ही बदल देहभान छोड़कर विदेही बनो परमात्मा के प्यारे बच्चे […]

किरदार निभाना अपना अपना आना अपना जाना अपना जीवन रूपी इस यात्रा मे सुख भी अपना दुख भी अपना जन्म लेते ही यात्रा चलती ठोकर लगती कभी आगे बढ़ती संस्कार मिले तो सुपथ बनता विकर्मो से भाग्य बिगड़ता सृष्टि रूपी इस रेलगाड़ी मे कभी कोई चढ़ता कभी उतरता सृष्टि -गाड़ी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।