गांधीवादी एक सिपाही चला गया कलम का सच्चा पुजारी चला गया जिंदगीभर जलाये शांति के दीये जो सोते को हर रोज उठाता रहा वह सदभावना का दूत चला गया कुलदीप नैयर नाम से जिये उम्रभर पत्रकारिता मे नाम कमाता रहा यूँ तो 94 पार किये उम्र जी बहुत पर […]

  जिसने दिया है जीवन उसका एहसान मानिये उसको याद करने को कुछ वक्त निकालिए रखता है सबकी खैर वह बिना भेदभाव के उसकी शान मे कभी कुछ कसीदे तो गढ़िए वह रहम दिल है बहुत हम बन्दों की खातिर हम क्यों हिंसक हो गए जरा यह तो बताइये गर […]

जाना है हर किसी को इस जहान् को छोड़ के कुछ नही हाथ आएगा इस सच्चाई को भूल के जब तक सांस जारी है तभी तक जीवन है भाई अगर सांस रुक गई तो देह भी मिटटी हो जाई जब जाना ही है जहान से कुछ अच्छे काम कर चलो […]

पंच तत्व से बना शरीर पंच तत्व मे मिल जाता है ज्योति बिंदू स्वरूप आत्मा इसी से स्थाई नाता है जो भी कर्म करेंगे हम यह आत्मा ही भोगेगी शरीर तो नश्वर है प्यारे सदा साथ नही निभाता है मेरी मानो जग को समझो कौन कहा से आता है आत्मा […]

पंचतत्व मे मिल गए अटल बिहारी महान देश की जनता ने दिया उन्हें भरपूर सम्मान पार्थिव शरीर की पवित्रता का रखा सबने खास ध्यान पुष्प गुछ से श्रद्धांजलि देना है उत्तम अपना प्रावधान अटल इन प्रावधानों से बहुत अधिक बड़े थे देशभक्ति,सेवाभाव में वे सबसे आगे खड़े थे उनके लिए […]

व्यक्ति नही फ़रिश्ता था उनसे गजब का रिश्ता था जीवन मे उनके कविता थी वाणी मे बहुत मधुरता थी सोच समझकर बोलते थे एक एक शब्द तोलते थे दल से ऊंचा कद था उनका सत्यवादी मन था उनका राष्ट्र के वे सजग नेता थे पत्रकारिता के प्रणेता थे भारत के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।