अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल मिलता है पुरुषार्थ करने पर गजब का सुख मिलता है परहित सेवा करते रहो मन को आनन्दित करते रहो सबके अपने हो जाओगे सबके मन मे बसते रहो पराया नही रहेगा कोई दुसरो के दुख हरते रहो हर एक का चेहरे की मुस्कुराहट बनी […]

पढ़ाई मे मिल जाते है सौ प्रतिशत तक अंक पर सद्व्यवहार को हमारे लग गई है भारी जंक चरित्र निर्माण की पढ़ाई नही होती अब भाई खिलौनों की जगह मोबाइल है बचपन खो गया , है तन्हाई खेल भी कम्प्यूटर मे कैद है मैदान भी अब गायब है भाई भूल […]

तन की सफाई सब करें मन की करे न कोय मन की सफाई जो करें जीवन सफल हो जाय मन मे जो विकार बसे है उनकी सफाई करनी होगी मन को स्वच्छ बनाकर अपने पवित्रता मन मे भरनी होगी इंसान से देवता बनने का यही तो सुगम मार्ग है कलियुग […]

एक दिन के योग का अब थम गया शोर अगली भोर उदास है न योग है न योग का शोर सरकारी तन्त्र की डियूटी देखो हो गई है पूरी करोड़ो रुपये स्वाह हो गए योग की धुन फिर भी अधूरी तन मन शुद्धि के लिए योग जीवन मे लाना होगा […]

योग दिवस की धूम है झूम सके तो झूम एक दिन के योग मे सेहत बना कर घूम योग क्या व्ययाम है सरकार का पैगाम है सरकारी मशीनरी लगी है संख्या बल का योग है योग का अर्थ तो जोड़ है पर व्ययाम बेजोड़ है शरीर के लिए वरदान है […]

कभी भूलो नही अतीत अपना कभी भूलो नही देखा सपना मन की आरजू भी पूरी होगी याद रहे बस परमात्म अपना ऊंचाइयों को छूकर भी जो जमीन अपनी नही छोड़ते उनकी तरक्की मे है दुआएं  माँ की झट से पूरा हो जाता देखा सपना मंजिल मिलने पर न आये घमण्ड […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।