खुली जगह है गांव में बसेरा यही बनाओं शुद्ध हवा और हरियाली छोड़ शहर मे मत बस जाओ भाईचारा रिश्तेनाते गांव की अनूठी धरोहर है मिट्टी की भीनी खुशबू से पूरा गांव लबालब है रोजगार गर मिले गांव में पलायन का न हो संकट किसान मजदूर हो खुशहाल गरीबी का […]

गंगा में है गन्दगी पावनता का है अकाल शुकदेव भी आहत है देख शुकतीर्थ का हाल परीक्षित को जिस धरा पर भागवत कथा सुनाई थी उस धरा की गंगा मैली देख आँखे भर आई है लिखने को तो सत्ताधीशो ने पानी को अमृत लिख डाला है पर आचमन दूर स्नान […]

जो पेड़ फलो से लदा हो वह पेड़ स्वयं झुक जाता है प्रकृति से सबक जो लेता उसे जीना आ जाता है ताकत मिलने पर गरूर न हो विन्रमता कभी कमजोर न हो धैर्य कभी न खोये जो अपना राजनेता हो वही बस अपना जनता के जो दिलो मे बसता […]

  कबीरा खड़ा बाजार मे मांगे सबकी खैर न भाजपा से दोस्ती न कांग्रेस से बैर कबीर जो समाज सुधारक रहे कट्टरपंथियो को फटकारते रहे हिन्दू मुस्लिम दोनो के है प्यारे आज भी है वे दिल के तारे मगर राजनीति डायन हो गई मगहर पर ही राजनीति हो गई कबीर […]

  मन मे कबीर बसा है सबके उसे बाहर ले आओ अबके पाखण्ड,अंधविश्वास खत्म करों कबीर को फिर से जीवन्त करों 15 वीं सदी से जगा रहा है सबको सच्चाई बता रहा है जाति धर्म का चक्कर छोडो स्वयं को इंसानियत से जोड़ो ईश्वर अल्लाह तो एक है इबादत के […]

गणित भले हो ज्योतिष विज्ञान बदल सकता है उसका विधान कर्म के आगे सभी  बोने है चाहे आधे या फिर पोने है भविष्यवाणी भी धरी रह जाती जब कर्म प्रधानता सामने आती हाथ की रेखाएं बदल सकती है मन मे ठानी पूरी हो सकती है बस परमात्मा पर विश्वास करों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।