परमात्मा की देन है जीवन यह श्रीमान जब तक यह जीवन चले लो परमात्मा का नाम जो जीवात्मा धरा पर है वह परमात्म उपहार उन सबको अपना मानो तभी सुखद संसार सद्कर्म तुम्हारे हाथ है यश,अपयश विधि हाथ सदमार्ग पर गर चलोगे परमात्मा भी देंगे साथ। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन […]

जीवन सबका रेत समान फिर काहे का करों अभिमान फिसलता जाता सांसो स्वांस फिर खत्म हो जाती सब आस मिट्टी से जन्मा मिट्टी हो जाता सच मे हाथ कुछ भी न आता जो कर्म किये जीवन में अच्छे वही साथ निभाते सच्चे फिर समय क्यो गंवाता बन्दे एक एक पल […]

हर पल याद रहे प्रभु ऐसे करो सदकाम दिल किसी का दुखाओ नही सबको करो प्रणाम ईश्वर की सन्तान है सब क्या बड़ा क्या छोटा आत्मभाव से सम्मान दो धर्म जात सब छोटा इंसानियत है बड़प्पन जिसको तुम अपनाओ जो भी है प्रभु का बन्दा सब पर प्यार बरसाओ। #गोपाल […]

बुरा जो देखन चले हम स्वयं बुरा हो जाये मन मे बुरे विचारो से संस्कार दूषित हो जाये मन की हालत खराब न हो देखो अच्छाई तुम सबकी जो सद्गुण मिले किसी से ग्रहण करों तुम उनसे अच्छा सोचो ,अच्छा बोलो अच्छे तुम बन जाओगे नही रहेगी बीमारी कोई सबके […]

जीवन एक नाटक है इसे समझ लो खूब इससे लगाव करने की कभी न करो भूल दृष्टा बनकर रहोगे जब तक बेहद का सुख पाओगें तब तक परमात्मा है निर्देशक इसका जो करायेगा ,वही करेंगे हम रोल अपना निभाएंगे हम फिर फिक्र किस बात की प्यारे जब प्रभु ही नाटक […]

बच्चियो पर अत्याचार हो रहे हम शर्मशार वहशी दरिंदो की भरमार नही मिल रहा ठोस उपचार संस्कार विहीन समाज है न शर्म है ना लाज है कानून व्यवस्था लचर है अपराधियो का असर है पीडितो की सुनवाई नही खाते डांट फ़क़त है सुरक्षा दो ,बेटी बचेगी संरक्षण दो ,बेटी पढ़ेगी। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।