रोहतक (हरियाणा) जिले के लाढ़ोत्त भैयापुर गॉव में स्थित गुरुकुल में हुई दर्दनाक घटना ने सबको दहला कर रख दिया है, पाँचवी, छठी, सातवी कक्षा के इन विद्यार्थियों के साथ दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों द्वारा किये गए कुकर्म ने एक और सवाल खड़ा कर दिया है कि बेटियां क्या […]

हम जिस पर्यावरण में रहते हैं वह अनेक घटकों से मिलकर बना हैं। इसका प्रत्येक घटक हमें किसी न किसी रूप में लाभ पहुंचाता हैं। हमारी आवश्कताएं चाहे मौलिक हो, भौतिक हो, सामाजिक हो, अर्थिक हो, अथवा सांस्कृतिक हो इनकी पूर्ति प्रकृति से ही संभव होती हैं। प्रकृति ने हमें […]

           ज़िंदगी के कई दिन और कई राते यूँ हीं गुज़र जाते हैं । यही सोचते-सोचते कि आख़िर क्या हम वही सोच रहे हैं, जो हमें सोचना चाहिए था या हमारी सोच कुछ धुँधली तस्वीरों में अटकी हुई है, जिनका पर्दे पर तो कोई नामो-निशान नहीं […]

अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बने, इस बात को अब सभी कहने लगे हैं. चाहे कोई राजनेता हो या समाज शास्त्री, हिन्दू हो या मुसलमान. वह अलग बात है कि कुछ लोग यह डंके की चोट पर कहते हैं तो कुछ दबी जुबान में, […]

कुरान में लिखा है कि ख़ुदा के पास ना हड्डियां पहुंचती है ना ही मांस, पहुँचती है तो बस खुशु यानी कुर्बानी की भावना चारों तरफ कुर्बानियों की चर्चा हो रही है ऐसे में मन में यही ख़याल अक्सर आता रहा है और आज फिर बार बार सीने में कौंध रहा […]

किसी ट्रेन की खिड़की से भला किसी शहर के पल्स को कितना देखा – समझा जा सकता है। क्या किसी शहर के जनजीवन की तासीर को समझने के लिए रेलवे ट्रेन की खिड़की से झांक लेना पर्याप्त हो सकता है। अरसे से मैं इस कश्मकश से गुजर रहा हूं। जीवन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।