गुरु पूर्णिमा पर विशेष……………….. माता,पिता और गुरु का सदा करते रहो सम्मान तीनो ही हितचिंतक  रहते बनाते स्वयं से सदा महान माता होती पहली गुरु देती दुनिया का आरम्भिक ज्ञान दूजे गुरु पिता पालक कराते हमको व्यवहारिक भान तीसरे गुरु शिक्षक ही होते देते विद्या ,बनाते गुणवान तीनो के ऋण […]

कोई कर्म बुरा न हो कोई शत्रु हमारा न हो मीत करे हर किसी से कोई अपना ,पराया न हो भाषा संयम बनाकर रखे मुंह मे मिठास घोलकर रखे गैर भी अपना मानने लगे बेगानेपन का साया न हो परमात्मा को भूले नही जमीन अपनी छोड़े नही निरहंकार भरा जीवन […]

सुख दुख है जीवन के गहने ये पड़ते है सभी को सहने इनमे जो तटस्थ बना रहे उसके तो बस क्या ही कहने धूप छांव की तरह है दोनो आते जरूर है बारी से दोनो इनको जीवन का अंग मान लो खुशी से बिताना धर्म मान लो एहसास जरा भी […]

उत्तराखण्ड कांग्रेस को नये प्रभारी मिले है अनुग्रह नारायण सिंह जो उत्तर प्रदेश मे चार बार के विधायक भी है।छात्र जीवन से राजनीति मे होने के कारण वे एक परिपक्व राजनेता है और गम्भीरता के साथ कांग्रेस की कमजोरियों को भांपकर उन्हें दूर करने और पार्टी को मजबूत करने की […]

अभिवादन करना किसी का है खुशी का ही काम दूसरे का मान बढ़ता खुद को मिलता सम्मान मन मे दुसरो की इज्जत होती गुण बढ़ता निरहंकार स्वयं को छोटा समझने से व्यक्ति बनता सदा महान पर जो अभिवादन पाकर भी पचा न पाये अपनेपन को अहंकार के वशीभूत रहकर उपहास […]

  देश को आजाद कराने के लिए यूं तो असख्ंय राष्टृभक्त वीरो ने अहम भूमिका निभाई थी। इन वीरो ने अपने प्राण न्योछावर करते हुए देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया था। इन राष्टृभक्तो में युवा भी थे,महिलाए भी थी और बुजुर्ग भी थे ।जिनकी कुर्बानी आज भी भारत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।