जिसने दिया है जीवन उसका एहसान मानिये उसको याद करने को कुछ वक्त निकालिए रखता है सबकी खैर वह बिना भेदभाव के उसकी शान मे कभी कुछ कसीदे तो गढ़िए वह रहम दिल है बहुत हम बन्दों की खातिर हम क्यों हिंसक हो गए जरा यह तो बताइये गर […]

जाना है हर किसी को इस जहान् को छोड़ के कुछ नही हाथ आएगा इस सच्चाई को भूल के जब तक सांस जारी है तभी तक जीवन है भाई अगर सांस रुक गई तो देह भी मिटटी हो जाई जब जाना ही है जहान से कुछ अच्छे काम कर चलो […]

पंच तत्व से बना शरीर पंच तत्व मे मिल जाता है ज्योति बिंदू स्वरूप आत्मा इसी से स्थाई नाता है जो भी कर्म करेंगे हम यह आत्मा ही भोगेगी शरीर तो नश्वर है प्यारे सदा साथ नही निभाता है मेरी मानो जग को समझो कौन कहा से आता है आत्मा […]

पंचतत्व मे मिल गए अटल बिहारी महान देश की जनता ने दिया उन्हें भरपूर सम्मान पार्थिव शरीर की पवित्रता का रखा सबने खास ध्यान पुष्प गुछ से श्रद्धांजलि देना है उत्तम अपना प्रावधान अटल इन प्रावधानों से बहुत अधिक बड़े थे देशभक्ति,सेवाभाव में वे सबसे आगे खड़े थे उनके लिए […]

व्यक्ति नही फ़रिश्ता था उनसे गजब का रिश्ता था जीवन मे उनके कविता थी वाणी मे बहुत मधुरता थी सोच समझकर बोलते थे एक एक शब्द तोलते थे दल से ऊंचा कद था उनका सत्यवादी मन था उनका राष्ट्र के वे सजग नेता थे पत्रकारिता के प्रणेता थे भारत के […]

भारत नेपाल के राष्ट्रगान से गुंजित हो गई मिथिला की धरा साहित्य के मनीषियों ने रची विश्व बन्धुत्व की आधारशिला नेपाल धरा पर भारतीयो ने गाये भारत भक्ति के अदभुत तराने राष्ट्रगान के साथ लगे थे भारत माँ की जय के नारे अतिथि देव भवः मन्त्र को नेपाल ने भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।