राम का वनवास, सीता का हरण आज रावण कर रहा है, निडर सड़कों पर भ्रमण। बस चुकी है कुछ घरों में, लछमिनी की संपदा अवगुणों के संग सोती, पक्ष की हर प्रतिपदा। सूर्य-चंदा की तरह अब, इस धरा पर है ग्रहण॥ शब्द की बंदूक में है, कारतूसों की कमी कथ्य […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा