कोई तो होगा जिसे हम अपना कहा सके / दर्द दे दिल का हाल उसे, सुना सके / और वो मेरे घावो पर हलकी सी मलम लगा सके / और दर्द दे दिल के गम को वो मिटा सके/ और वो मुझे अपना बना सके / क्या कोई ऐसा दोस्त […]

सुन्दर डीपी लगा रखी है मोहतरमा अब तो चाय पिला दें सुबह उठते से ही देखो की है तारीफ़ अब तो चाय पिला दें सोच रखा है छुट्टी का दिन सारा आराम करके गुजार दूँगा चाय पीके सो जाऊंगा, कहीं वो शॉपिंग की याद न दिला दें हफ़्ते भर की […]

समाज के सुधार के पहले क्रम में जातिवाद के समूल नाश के आगे एक राष्ट्र -एक कानून और एक तरह के लाभ की बात रखी जाती थी, राजनीति की सदैव से मंशा तो तरफदारी की रही परन्तु इस बार अनुसूचित जाति,जनजाति की सबलता के लिए बनाये गए अधिकार और संरक्षण […]

जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई दफ़्तरी से हुए वाबस्ता तो आवारगी चली गई शौक़ अब रहे न कोई ज़िंदगी की भागदौड़ में दुनियाँ के दस्तूर में मिरि कुशादगी चली गई ज़िम्मेदारियों का वज़न ज्यूँ बढ़ता चला गया ईमान पीछे छूट गया और शर्मिंदगी चली गई भागते भागते […]

मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था ख़ाहिश-ए-ख़लीक़ इज़हार करना चाहा था धुएँ सी उड़ा दी आरज़ू पल में यार ने मिरि तिरा इस्तिक़बाल शानदार करना चाहा था भले लोगो की बातें समझ न आईं वक़्त पे मैंने तो हर लम्हा जानदार करना चाहा था तिरे काम आ सकूँ इरादा था बस इतना सा तअल्लुक़ आपसे आबदार करना चाहा था इंतिज़ार क्यूँ करें फ़स्ल-ए-बहाराँ सोचकर चमन ये ‘राहत’ खुशबूदार करना चाहा था  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 16

नगरीय क्षेत्र बढ़ती अतिक्रमण समस्या पर जनसहयोग ही सार्थक पहल नगर की गंभीर समस्या अतिक्रमण जो नगर के विकास की गति को अवरुद्ध कर रही है जो नगर के सभ्रांत समाज की चकोर नजर से नजरअंदाज है। नगर की प्रमुख सड़को पर अतिक्रमण की घेराबंदी से प्रभावित होता व्यापार स्वयं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।