वैश्विक शिखर सम्मेलन बना विश्व शांति का नया पैगाम एक सौ चालीस देशों ने माना ब्रह्माकुमारी संगठन महान धरा पर शांति स्थापना का बीड़ा ब्रह्माकुमारी ने उठाया न्यायपालिका,कार्यपालिका विधायिका ने भी इसे सराहा चौथे स्तम्भ मीडिया ने भी ली सकारात्मक इससे सीख ईश्वरीय ज्ञान का डंका इसने दुनिया भर में […]

श्राद्ध पक्ष पूर्वजों के प्रति नमन का है पुनीत अवसर पर जीवित उनके रहते हुए उन्हें भूले रहते हम अक्सर जीते जी सेवा बडो की खुश होकर करते जो जन वे सदा सुख ही भोगते तनाव मुक्त रहता उनका मन दिवंगत होने के बाद भी पितृ लोक से वे देते […]

जो होना है वही होगा फिर क्यो धैर्य खोते हो साक्षी बनकर जीना सीखो क्यो तनाव मे जीते हो विधाता की कठपुतली हम जैसे चाहेगा वह नचायेगा नाटक का प्रोड्यूसर वह है कभी हंसाएगा कभी रुलाएगा जो रोल मिला है विधाता से उसे खुशी खुशी निभाते चलो न जाने कब […]

आबू की धरती पर फिर नारद वंशज आये है मिशनरी पत्रकारिता का संकल्प दोहराने आये है खबरे लेने को जहान की तनाव में जो आ जाते है उसी तनाव से मुक्ति पाने कलम के सिपाही आये है ब्रह्माकुमारीज् संस्था अनूठी मीडिया का भला वह चाहती है खबरे हो सकारात्मक सारी […]

खबरों में भी अच्छापन हो यह ध्यान रखना जरूरी है किसी की मानहानि न हो इतनी सावधानी जरूरी है जो सच है वह लिखो जरूर पर जिससे हालात बिगड़ते हो ऐसा सच भी गैर जरूरी है प्रेम भाव,शांति,सदभाव ये आभूषण हो मीडिया के समाज को आईना दिखाना राष्ट्र धर्म निभाना […]

जब भी मन व्याकुल हो करो प्रभु का ध्यान शांत चित हो जायेगा मिट जाएँगे  व्यवधान प्रभु याद बनाये रखने को तीर्थाटन है एक उपाय जाओ वहां जहां मिले शांति झंझावातों से मुक्ति पाओ लौकिक से अलौकिकता का सुखसार यही है प्यारे मन,वचन,कर्म से तुम प्रभुमय ही हो जाओ। #गोपाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।