ये शाम आज ढलती  मिली है आंधियां कैसी चलती मिली है पानी फिर गया माजरा क्या है उम्मीद भी हाथ मलती मिली है सराहूं भला कैसे उस आदमी को गलतियों पे आखिर गलती मिली है बदले गाँव  सारा बदला  शहर है तस्वीर जमाने की बदलती मिली है आँख  फिर  हमारी  […]

पत्रकारिता अब हो गई सिर्फ कोरा व्यापार गणेशशंकर विद्यार्थी को भूल गए पत्रकार मिशनरी पत्रकारिता भी बीते समय की बात हो गई अब तो मिडिया हाऊस जैसे एक दुकान हो गई किसान मजदूर की पीड़ा नही बन पाती सुर्खियां अभिनेता ने क्या खाया यह खबर खास बन गई। #श्रीगोपाल नारसन […]

हमारे देश में मीडिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करती है ।जहाँ तक हिन्दी की बात है यह हमारी मातृभाषा है।जो देश के सभी हिस्सो में बोली जाती है ।हिन्दी हमारी पहचान रही है ।बचपन से ही हमलोग पेपर या टीवी के समाचारो या सीरियल सिनेमा अथवा पत्रिकाओ को […]

सास बहू का रिश्ता क्या होता है, मैं तुम को समझता हूँ। हर घर की कहानी, तुम को में सुनाता हूँ। सुनकर कुछ सोचना, और कुछ समझना। सही बात यदि मैंने कही, तो बता देना मुझे।। सास बहू का रिश्ता बड़ा अजीब होता है। बहू सास को माँ कहे तो […]

अहंकार में अहम का पर्दा नजर नही आता सच का पर्दा विवेक तक यह हर लेता है झूठ में सत्य छिपा देता है अपना ही दुश्मन बन जाता है बस रावण जैसा हो जाता है पर अहंकार जिसने त्याग दिया स्वयं के अहम को मार लिया आत्मबोध उसे हो जाता […]

है अंधा कानून जुल्म वहाँ बहुत होता भ्रष्टाचार बढ़ा हौसला है बुलंद ! ये देखो कानून बना अंधा जुल्म हो रहा सुन लो अब तो जनता की पुकार ! मैं बस कानून चोर यहाँ पहरेदार चीख अहद में सिसकती ही रही ! #अनिता मंदिलवार ‘सपना’ परिचय : अनिता मंदिलवार ‘सपना’ की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।