सज – धज कर दुपहिया पर घर से निकलते हैं कुछ युवा होते लड़के और मौसम चाहे कोई हो छाँव से भी झुलसती हैं लड़कियां आँख तक , मुहं पर दुपट्टा बांधे ही घर से निकलती हैं कुछ लड़कियां । देखा है मैंने – स्कूल कॉलेज या कोचिंग के समय […]

जब से शुरू किया है मैंने आत्ममंथन पाया है , करता रहा हूँ मैं – रोज ही जाने – अनजाने कोई न कोई गलतियां । होता है जब पछतावा , तो पाता हूँ – अनजानी गलतियों के पीछे थी मेरी ही लापरवाही और आलस्य । जाता हूँ जब – जान […]

ग्रीष्म का ये रूप भीषण लोग हुए हैं सब व्याकुल सूरज की तो अपनी तपन जल बिन हैं कंठ -कंठ आकुल मचा है – चहुँ ओर हाहाकार जल बिन है सब बेकार। ताप रवि का सहने को फिर भी सक्षम हैं सारे किन्तु गिरते भू जल स्तर से फिर रहे […]

आती है जब भी कोई परीक्षा की घड़ी जीवन में हमारे – हो जाते हैं हम बेचैन। घिर जाते हैं अवसाद से और कभी कभी तो ले लेते हैं ऐसा कोई निर्णय जो होता है आत्मघाती । डाल देता है संकट में हमारे साथ परिवार को भी । मिला है […]

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(मजदूर दिवस पर विशेष) आज फिर हो रही है शहर में ही नही पूरे देश में मात्र औपचारिकता जी हाँ मजदूर दिवस की औपचारिकता । यही तो होता है हर दिवस पर टेंट लगाकर ली जाती हैं सभाएं पहनाई जाती है फूल -मालाएं और किया जाता है गुणगान बताया जाता […]

सुबह के आठ बजने को थे। रमा अपने दोनों बच्चों का टिफिन बनाकर उन्हें स्कूल बस में बैठाकर लौटी ही थी कि तभी फ़ोन घनघना उठा। बुरा सा मुँह बनाकर उसने फोन उठाया । वह समझ गई थी कि मायके से उसकी मां का फोन ही होगा। मौके – बे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।