गम के ये पहाड़ से दिन ऐ जिंदगी तू कब तक दिखायेगी मैं रंगूगा नहीं तेरे रंग में मैं जिऊंगा उसी ढंग में जैसा बनाया परमेश्वर ने मुझे… मैं एक समस्या सुलझाता हूँ तू सैकड़ों लाकर खड़ी कर देती है मेरे सामने पर तू इतनी सी बात मेरी सुनले मैं […]

कभी हँसाती कभी रूलाती यादें! कभी सताती खट्टे-मीठे दिन याद दिलाती यादें! गुजरे दिन दु:ख या मौज में पल-पल की फिल्म दिखाती यादें! खुशी हो या हो गम आँसू बनकर छलक जाती यादें! ये नटखट बड़ी सताती तरह-तरह के रूप दिखाती यादें! कभी बचपन तो कभी पचपन की सैर कराती […]

मैं जी रहा हूँ एक आस लेकर मैं जी रहा हूँ एक प्यास लेकर मेरी आँखों की ज्योति हो तुम मेरे हृदय की धड़कन हो तुम तुम आ जाओ मधुमास लेकर तुम आ जाओ जीवन सांस लेकर तुम देख लो आकर जिंदगी जी रहा हूँ कतरा – कतरा तुम भी […]

फुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया, दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया | हरी-भरी सुंदर बगिया में, मीठे-मीठे गीत सुनाती चिड़िया | अपने मिश्रीघुले बोलों से बच्चों का मन चहकाती चिड़िया | नित मिल-जुल कर आती, आपस में नहीं झगड़ती चिड़िया | प्रेमभाव से रहना सिखलाती, बहुत बड़ी सीख देती नन्हीं चिड़िया | […]

बरसते भादों का महीना है प्रिये तुमको भीगके जाना है बोलती कोयल कुहू-कुहू हमने तुम्हें ही अपना माना है शीतल समीर चलती, मोर नाचते कल-कल कहती नदी बहती हमारे हृदय का कहना है बरसते भादों का महीना है ताल-तलैया, पोखर लेतीं हिलोरे मन तुम्हारा, मन हमारा डोले तुमको लज्जा के […]

आधी रात बीत चुकी थी रेलगाड़ी धड़धड़ाती तीव्रगति से दौड़ रही थी सन्त रामहरे खड़े-खड़े काफी थक चुके उनके पैर भी जवाब दे चुके थे परन्तु सीट तो छोडिये जमीन भी तिलभर खाली नहीं थी भारतीय रेल के सामान्य डिब्बे का सफर किसी जंग जीतने से कम नहीं होता और […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।