सीमा पे जवान दिन-रात हो रहे शहीद, कुछ तो खयाल आप,इनका भी कीजिए। जो शहीद हो रहे हैं,देशहित में आज वहां, घर जा के सुध आप,उनकी भी लीजिए। अफसर मंत्रियों को,मिला है सम्मान जैसा, देश के शहीदों को भी,ऐसा मान दीजिए। बिना घर परिवार,रहते हैं सीमा पर, अपमान उनका न,घूंट-घूंट […]

वह पैदा होगा निश्चित ही, जिसको पैदा होना होगा। पर नफरत बोने वाले को, हर हालत में रोना होगा। सद्भाव-प्रेम का बीज कभी, इस धरती पर बोकर देखो- भारत की ऐसी माटी है, बंजर में भी सोना होगा॥                         […]

ये सिक्का हमारा तो चलता रहेगा। वो मौसम वफा का तो आता रहेगा॥ तुझे ही खुदा से माँगा था सभी ने। पता है हमें भी तू आता रहेगा॥ तिरे प्यार की खुशबू आती है उड़कर। वफा के लिए फिर यूँ आना रहेगा॥ शक की नजर से ये दुनिया यूँ देखे। […]

तिरे लब पर हमेशा ही कोई रहता बहाना था, तुझे भी है मुहब्बत यह  मुझे यूँ आज़माना था। मुझे तुम मिल गए मानो सभी कुछ मिल गया मुझको, तुम्हारा प्यार ही मेरे लिए जैसे खज़ाना था। हमेशा की तरह बारिश में मिलने रोज़ आता था, मुहब्बत का यक़ीं हर रोज़ […]

कभी संयोग यह बनता कहीं इनका भी मर जाता, तो भारत पाक का मसला उसी दिन खत्म हो जाता। फँसी है सैनिकों की जान इनकी ही सियासत में, चिता को आग देते तो इन्हें भी ज्ञात हो जाता॥                         […]

मेरे कंधे पर सिर रखकर सोने लगती जो लड़की, जज्बातों में इतनी आशिक होने लगती जो लड़की, पता नहीं किन स्थितियों में पड़कर मुझको भूल गई, मुझसे बिछुड़ेगी वह कैसे रोने लगती जो लड़की। शब्द अर्थ जज्बात सभी कुछ मुदिता लेकर चली गई, मानस से गीतों गजलों की सरिता लेकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।