छत पर मेरे, बैठी चिड़िया माँगे मुझसे पानी रे।1। बून्द बून्द को तरसे आँगन झुलसे बाग बागानी रे। ताल तलया सूखे सब रीता आँख का पानी रे। बादल रूठे,रूंख पियासे रूठी बरखा रानी रे। काले मेघा भूल गए मग बिसरा चुल्लू पानी रे। छत पर मेरे ,बैठी चिड़िया माँगे मुझसे […]

कविता सदा से ही मनुष्य के अंत:करण में उठे भावों को स्वर देने का एक सशक्त माध्यम रही है । समय के साथ कविता के विषय, शिल्प एवं भाषा में परिवर्तन होते रहे है। पुरातन विषय परिवर्तित होकर समसामयिक हो गये है पर अनेक विषय ऐसे है जो मनुष्य के […]

निज भाषा में ही करें, सभी ज्ञान की बात । देश गौरव बने सभी, यही मिले सौगात ।। हिन्दी भाषा हिन्द की, इसे अमल में लाय। जन-जन तक पहुँचा इसे,अलख जगाया जाय।          हिंदी आज एक ऐसी भाषा है जो दुनिया में इतने बड़े स्तर पर बोली […]

हे भारत माता तेरा अभिनन्दन तेरी मिट्टी का कण-कण चन्दन चाहूँ तेरे चप्पे-चप्पे में हो उजियारा दूध-दही की बहती रहे सदा नदी धारा यहाँ के नेताओं को मिले सद्बुद्धि विधर्मियों की हो जाये बस शुद्धि कोई जन न कर पाये कभी क्रंदन हे भारत माता तेरा अभिनन्दन आतंकवाद-नक्सलवाद मिट जाये […]

राजनीति बहुत हो गई अब हो दलगत भेद विराम जनता एकटक निहार रही उनकी सुध लो अविराम विकास के मुद्दे पर दे दिल खोलकर सहयोग अगर चले गलत कोई विरोध भी हो पुरजोर शुभकामनाएं मेरी ओर से नवगठित सरकार को अपेक्षाओ पर उतरो खरे जोर लगा दो परोपकार को। #श्रीगोपाल […]

रात की रात से बात होती रही दिन शामियाने में बदन धोता रहा हो गया मुल्क सारा ख़ूनम-खून और सब नियम-कानून सोता रहा दूजे की पोशक में जिस्म लपेट के सरे-शाम अपना वजूद खोता रहा बच्चे भूखे से बिलबिलाकर मरते रहे और धर्म पर विचार-विमर्श होता रहा आज़ादी हर साल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।