प्रीत से सब जीना सीखे गैर को अपना बनाना सीखे सद व्यवहार हो सबके प्रति निर्लेप भाव अपनाना सीखे जगत में पराया कोई नहीं सब है ईश्वर की संताने भाषा,मजहब अलग अलग आत्मा एक सी विदेही हो बाते संसार एक कुटुंब वृक्ष है प्यारे सब मानव इसके पत्ते हरा भरा […]

कोई बुरे शब्द जो बोले उस पर ध्यान देना नहीं स्तिथि गर बिगाड़ना चाहे उसके बहकावे में आना नहीं शांत चित्त गर बने रहे यही विजय का आधार होगा परमात्म चिंतन करते रहो इससे सुख अपार होगा वयर्थ से जितना बचोगे उतने स्थिर मन बन जाओगे जीवन सरल हो जाएगा […]

शरद नवरात्र की बेला पर नवदुर्गा का आव्हान करूं अखंड ज्योति जलाकर तेरा मै गुणगान करूं हे शक्ति स्वरूपा प्रथम देवी जन मन स्तिथि बदल दो तुम कन्या भ्रूण हत्या न हो सके ऐसी व्यवस्था कर दी तुम कन्या जात पर जो  कुदृष्टि डाले उनकी दृष्टि ही हर लो तुम […]

बापू की जन्मस्थली से क्षेत्रवाद का जहर उगलना दूर प्रांत के रहने वालो पर हिंसक यूं प्रहार करना नफरत और हिंसा से पीड़ित लोगो का पलायन करना गुजरात की छवि को बट्टा लगा रहा है गांधी की छवि को प्रभावित कर रहा है देश के लिए यह नफरत क्यों क्षेत्रवाद […]

कर्ज लेकर बेटे को पढाया अच्छे से उसका कैरियर बनाया फिर उसका ब्याह रचाया जब मां बाप की सेवा का समय आया बेटा कही भी नजर न आया व्यस्तता एक बड़ा कारण बताया जब उठा मां बाप का साया बेटा तब भी कही नजर न आया अन्तिम संस्कार खर्च जरूर […]

घोर कलियुग का दौर है हाहाकार का शोर है विकारों से घिरे है सब कैसे उद्धार होगा हे रब तुम्ही कोई उपाय सूझा दो पावन बनने का मंत्र बता दो कलियुग की समाप्ति हो जाए कश्ट सारे के सारे मिट जाए खुशहाली का उजाला हो सतयुग आने वाला हो रब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।