सदियो से जलाते आ रहे है फिर भी नही जल रहा यह रावण पुतला जलाने से क्या होगा असल मे तो कभी जलाइये रावण रावण तो हम सबके अंदर है अंदर से तो भगाइये अपने रावण रावण तो नाम बुराइयों का है बुराइयों को भगा मिटाइये रावण राम विजय असल […]

शक्ति स्वरूपा माँ दुर्गा का आओ मिलकर आव्हान करे कल्याण करे जगत का वह ऐसा हम अनुष्ठान करे नारी जाति के सम्मान से ही माँ दुर्गा प्रसन्न हो सकती है कन्या को सब देवी समझे उपकार तभी वह कर सकती है दया नही उसको अधिकार दो सम्मान से जीने का […]

नवदुर्गा के साथ ही घर घर पूजी जाती सांझी कच्ची मिट्टी से तैयार कर दीवार पर सजाई जाती सांझी चाँद ,तारे,सूरज के साथ शेर की सवारी करती सांझी नो दिनों तक सांझ सवेरे पूजा में गाई जाती सांझी सांझी की लोक कथा है न्यारी लोक गीतों में गाई जाती सारी […]

नवरात्र में उपवास का खास बन गया दस्तूर अन्न सेवन से परहेज है फलाहार ले रहे भरपूर देवी साधना का दौर भी घर घर मे है जारी देवी के पवित्र स्वरूप में आकर्षण हो रहा भारी देवी की पुजारिन नारी अगर देवी आचरण अपना ले देवी साधक पुरुष वर्ग भी […]

नवरात्र एक पावन पर्व देवियों को मनाने का नो दिनों तक करते पूजा उपवास धर्म निभाते का नन्ही मुन्नी कन्याओं की पुछ होती नवरात्रों में घर घर में भोजन कराते उपहार मिलते नवरात्रों में बीतते ही नवरात्र क्यों भूल जाते कन्याओं को बेटों से कमतर क्यों मानते देवी स्वरूप कन्याओं […]

पूछ रही है मां गंगा कब तक मुझे सताओगे मुझे बचाने वालो को कब तक तुम मरवाओगे निगमानंद,सानंद संतो का बलिदान आज पुकार रहा वोटो की राजनीति में कब तक मुझे घुमाओंगे मुझमे जो कचरा भरा है उसको कब हटवाओगे मेरी सफाई के नाम पर करोड़ो रुपये डकार लिए मेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।