व्यर्थ समय गंवाओ नही ईर्ष्या, द्वेष अपनाओ नही एक एक स्वास है कीमती जीवन बोझिल बनाओ नही पल पल सदुपयोग करो कर्म सेवा का योग करो तन मन की शुद्धि रहे सदा ऐसा ईश्वरीय राजयोग करो जीवन के कष्ट मिट जाएंगे खुशियो भरे दिन आ जाएंगे। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन […]

माटी पर माटी लिखना है जितना आसान उतने ही रिश्ते बनाना है बाए हाथ का काम पर बने रिश्तों को निभाना होती है बड़ी चुनौती पानी पर पानी लिखने की जैसे कठिन होती है रीति राम के सेतु की तरह लिखा जा सकता है पानी पर पानी प्रेम और भाईचारे […]

दीपावली है दीपों का त्योहार दीप जलाकर ही मनाइए पटाखे चलाने से प्रदूषण होता यह जरूर समझ जाइए ध्वनि,वायु,कचरा प्रदूषण बन जाते जी का जंजाल कही बीमार परेशान होते कही नवजात हो जाते बेहाल ध्यान सभी का रखकर दीपों की माला सजाइए मिटे जिंदगी से सारा अंधेरा ऐसी ईश्वरीय जोत […]

दूसरे पर निरभर रहना है दुर्बलता की पहचान जो होते स्वावलम्बी उन्ही को शक्तिशाली जान एक बार बैशाखी ली तो आदत उसकी पड़ जाएगी जो शक्ति आत्मा में छिपी है वह नजर नही आएगी परमात्मा को साक्षी मान निभरता को त्याग दो तुम जो स्वावलम्बन आत्मा में छिपा है उसको […]

जनकल्याण कारक है गोवंश का संवर्धन माँ के दूध सा गुणकारी है गाय के दूध का वर्णन गोमूत्र अचूक दवा है विभिन्न रोगों की मुक्ति में गाय का गोबर पवित्र बहुत है घर आंगन की शुद्धि में कमर पर हाथ फिराये तो रक्तचाप ठीक हो जाता है गाय का तो […]

मेरा एक दीप  शहीदों के नाम जो कर  गए  राष्ट्रहित में काम । हमारे लिए कर प्राण न्योछावर भारती की गोद में पाया मुकाम ।। मेरा एक दीप  शहीदों  के नाम जिन्होंने न देखी  सुबह – शाम । देश सेवा,रक्षा का लेकर लक्ष्य करते शत्रुओं  का काम तमाम ।। मेरा  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।