जग तरा दे वो नाव है बेटी, पिता की प्यारी चाव है बेटी.. मत पड़ने दो छाया दरिंदों की, क्योंकि पेड़ों-सी छांव है बेटी। बहती नदी का कुल है बेटी, बड़े बरगदों का मूल है बेटी.. क्यों तोड़ते हो मासूम कली को, आँगन का खिला फूल है बेटी। लक्ष्मी-सी करामात […]

घर की रौनक पिता से,उनसे घर की शान, पिता ईश्वर तुल्य हैं,उनका हो सम्मान। परवरिश,व भविष्य का,रखते हैं वो ध्यान, उनके कर्त्तव्यों से ही,सबको मिलता मान। सभी जरूरतों का वो,रखते सदा ख्याल, हो समस्याएं जो भी,करते हल तत्काल। माँ-बाप की सेवा ही,है पूजा के समान, इस दुनिया में वही हैं,हम […]

ढूंढ लाता हूँ शब्द, पिरोता हूँ लड़ी में मोती जैसे। पूछते हैं वो, कहां से ले आए इतने सहेजकर कैसे बताऊं.. उनको ढूंढना पड़ता है। सीपियों को गहरे समंदर से, आजकल अच्छी सीपियाँ बमुश्किल मिलती हैं। वरना मोतियों की, अच्छी किस्म की कमी नहीं होती।           […]

बहुत हुआ धरती का दोहन, अब तो शर्म करो ए मानव। दूषित हुआ है पर्यावरण, थोड़ी दया करो ए दानव॥ जिसने दी हो हरियाली, वो धरती माँ है कहलाती। जिसने जहर पीकर अमृत दिया, उस पर ही तूने अत्याचार किया॥ अब वो मीठी बयार नहीं है, ये मनुपुत्र का प्यार […]

2

पास आता ही नहीं गोदी में खिलाया जिसको, नज़र से कैसे करूँ दूर है बनाया जिसकोl साथ चलने में भी आती है अब उसको शर्म, सहारे उंगली के चलना है सिखाया जिसकोl हाथ से पानी भी वो मुझको पिला नहीं सकता, दूध सीने का मैंने है पिलाया जिसकोl रात कट […]

करोगे अगर योग,योगी बनोगे, रोगों को हराकर निरोगी बनोगे। जीवन में जरा योग अपना के देखो, जो जीते स्वयं को,वो जोगी बनोगे। सरल राह जीवन की होती रहेगी, कभी भी नहीं आप भोगी बनोगे। दुखों से बहुत दूर होता है योगी, जो ढोए सुखों को,वो बोगी बनोगे। इसी योग से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।