शिव ने शक का सर्प ले, किया सहज विश्वास। कण्ठ सजाया,धन्यता करे सर्प आभास। द्वैत तजें,अद्वैत वर, तो रखिए विश्वास। शिव-संदेश न भूलिए, मिटे तभी संत्रास॥ नारी पर श्रद्धा रखें, वही जीवनाधार। नर पर हो विश्वास तो, जीवन सुख-आगार॥ तीन मेखला तीन गुण, सत्-शिव-सुंदर देख। सत्-चित्-आनंद साध्य तब, धर्म-मर्म कर […]

तीन रंग से बना तिरंगा, ये आत्मा है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सीमा पर लहराता तिरंगा, पहचान है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll कभी झुकने न देना तिरंगा, बलिदानी इज्जत है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सैनिक की शौर्य गाथा तिरंगा, ये अमर वीरता है अपनीl तिरंगा शान है […]

कागतन्त्र है, काँव-काँव करना ही होगा नहीं किया तो मरना होगा। गिद्ध दिखाते आँख, छीछड़े खा फ़ैलाते हैं। गर्दभ पंचम सुर में, राग भैरवी गाते हैं। जय नेपाल पराजय, कर प्रबंध झंडा फ़हराते हैं। हुए निसार सहमत जो उनको दिन-रात डराते हैं नाग तंत्र के दाँव-पेंच, बचना ही होगा, नहीं […]

कलम मेरी चली तो शत्रु के  दिल काँप जाएंगे, छुपी मन की सभी बातें  सभी जन भाँप जाएंगे। हमारा  दर्द  है  ऐसा   सुनाना भी जिसे मुश्किल, छुपाना भी बहुत मुश्किल  बताना भी बहुत मुश्किलl   कभी  कोई  समझ पाए   हमारा दर्द औ पीड़ा, कभी मत खेल ये समझो  नहीं ही […]

बचपन से सबको यही कहते सुना है औरतें देवी स्वरूप होती हैं। सुंदर वर्ण,सर्वगुण संपन्न,नारी की ऐसी कल्पना ही क्यूं होती है। आत्मनिर्भर,अभेय ,प्रतिभावान,कुछ ऐसी परिभाषाएं भी तो होती है॥ क्या सच में औरतें देवी का रूप होती हैं ? मां-बहन-पत्नी-बेटी,हर किरदार निभाती है। अग्निपरीक्षा हो या शादी का रिश्ता,हर […]

शिकवों-शिकायतों ने कहा हाले-दिल सनम। लब सिर्फ़ मुस्कुराते रहे, आँख थी न नम॥ कानों में लगी रुई ने किया काम ही तमाम- हम ही से चूक हो गई फ़ोड़ा नहीं जो बम। उस्ताद अखाड़ा नहीं, दंगल हुआ ?, हुआ। बाकी ने वृक्ष एक भी, जंगल हुआ ? हुआ। दस्तूर जमाने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।