मैंने उन्हें सर झुकाकर मेरा सलाम बता दिया.. हाल-ए-दिल उनको अपना तमाम बता दिया.. किसीने मुझसे पूछा, उसके होठ कैसे है…..?????? मैंने मुस्कुराकर मय-ए-जाम बता दिया……. किसीने मुझसे पूछा, उसके गाल कैसे है…..?????? मैंने हँसकर बस सुर्ख-ए-गुलाल बता दिया…. किसीने मुझसे पूछा, कैसा दिखता है वो…..?????? मैंने सच में शहजादा-ए-जहां […]

निःशब्द हो जाती है मलिक जब, अनायास ही पूछ लेता है कोई, कौन है अनिता….???? विचलित मन से ढूंढने लगती हूं वो शब्द, जिनसे मैं थोड़ा बहुत बयां कर पाऊं कि, कौन है अनिता….???? अम्बर छूती चोटियों को पैरों तले रौंदकर, आसमान के उस छोर पर कदम बढा रही, वो […]

जमी थी महफ़िल हुश्न-ओ-शवाब की, उनके साथ डूबना भा गया। निहारा जब नयन-ए-शराब को, तो मुझे अजीब नशा छा गया।। समेट लायी हूं मैं यादों में, झील किनारे बिताए  खुशनुमा पल। इन शरारती नजरो को उनका, इस अदब से मुस्कराना खा गया।। ना जाने कैसी अजब कशिश है, उस शख्श-ए-ख्वाब […]

दिल जाने इस दुनिया में मैंने ,  क्या पाया क्या खोया है। वफ़ा के पथ पर चलकर मेरा ,  दिल भी  जोरों से रोया है।  झूठ की बुनियाद  से उसने ,  खुदगर्जी का महल बनाया। स्वार्थ को दे रिश्ते का नाम ,  वो नींद चैन की सोया है।। फूल बोकर […]

जिंदगी की तो सारी अभिलाषा, मैं पूरी कर जाऊंगी। डरती हूं बस मौत के बाद, मैं ये कैसे पूरी कर पाऊंगी। याद रखना ये अभिलाषा मेरी, सबको सुषमा बता देना। जब लगे उठने जनाजा मेरा, बस सफेद कफ़न ओढ़ा देना।। :-चाह नही रंगीनी में लिपट, मैं बनकर जाऊं फुलझड़ी, स्मरण […]

सारी उम्र गुजार दी मैंने उसके जवाब देते देते, अब तू ही बता अ जिंदगी! उसका और कौनसा सवाल बाकी है।। ख़्वाब-ए-हसरत तोड़ी उसने हमेशा से मेरी, अब तू ही बता अ जिंदगी! उसके लिये कौनसा ख़्याल बाकी है।। ताउम्र बचती रही मैं मदिरा के इन प्यालों से, अब तू […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।