प्रेम, प्रेम तो सब रटें, प्रेम न करे कोय; एक बार जो प्रेम करे, तो प्रेम-प्रेम ही होय। जो बांटोगे वही मिलेगा, ये है जग की रीत; क्यों न प्रेम को सब बांटें, बढ़ जावेगी प्रीत। प्रेम अगर निश्छल करो, निश्छल प्रेम ही पाओ; छल वाले प्रेम में तो, खुद […]
जीते जी माँ-बाप को,माँ-बाप मानो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनकी,तकलीफों को पहचानो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनकी,भावनाओं की कद्र करो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनका,कभी अपमान न करो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनका,शुभाशीर्वाद ले लो, उनका सच्चा श्राद्ध […]
मन की अभिव्यक्ति है शब्द, तन की अनुभूति है शब्दl बोली की मिठास है शब्द, आपस में कभी खटास है शब्दl गीता के उपदेश हैं शब्द, सीता के संदेश हैं शब्दl मीरा की भक्ति है शब्द, कान्हा की शक्ति है शब्दl जीवन का हर भाव है शब्द, कभी धूप तो […]
एक तराना सुनाएं नवगीत का, नया जहां बसाएं हम प़ीत का। बहुत सो लिए उठो भी दोस्तों, अब कदम बढ़ाएं हम जीत का। मिटाकर हर नफरत चमन से, स्वागत करें हम नई रीत का। जो देश और धर्म की करें सेवा, चेहरा पहचानें हम सच्चे मीत का। मिटाएं धरा से […]
न किसी से कुछ कह सकती, न किसी से कुछ बता सकती। काश़ ! आवाज दी होती परमात्मा ने, तब, कुछ तो दर्द बयाँ कर पाती। भर जाता दूध जब गाय के स्तन में, पुकारती बछड़े को अपने,लगा लेती थन में। वह रमाती,हुँकारती,अपने बछड़े को निहारती, बछड़ा भूखा होगा,सोचकर उसे […]
न पीते गर तुम शराब,गांजा तो सोचो क्या होता, तुम्हारे बीबी,बच्चे कितने रहते खुश और क्या-क्या होता। तुम्हारे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते,नहीं कभी सिर नीचे होता, सभी के सामने पापा को लाने में नहीं कोई झिझकपन होता। खूब, हंसते-हंसाते,संग में अपने मम्मी-पापा के,और कितना मजा होता, तुम भी अपने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।