कभी खो न जाए तुम्हारा, मुझ पर है जो विश्वास, करती हूं कोशिश सदा, देश,काल,परिस्थितियाँ नहीं देती साथ। तुम्हारा विश्वास ही तो है,जो आज भी फ़िक्र करते हो मेरी, और मेरा,मेरा विश्वास भी तो देखो,किया न तुम पर अटूट। कुछ भी हुआ,पर उसे न टूटने दिया हमने, सभी की नजरों […]

हम पड़ोसी को भाई समझते रहे, दोस्ती से मसायल सुलझते रहे। नक्सली बेहयाई की हद कर दिए, चोरी-चुपके से हमसे उलझते रहे।। सोते सिंहों को छेड़ा बुरी बात है, तेरे पुरखों ने खाई सदा मात है। प्राण निर्दोष के लेके धोखा किया, हम बताएंगे तेरी क्या औकात है?? शत्रु को […]

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कुछ तुलसी कुछ सूर से, कुछ ले दास कबीर। बांच रहे हैं मन्च पर, होकर परम् अधीर। बन गए कवि सैलानी। जनता जाये भाड़ में, लें बटोर ये नोट। पांच साल के बाद फिर, कौन किसे दे वोट? गरीबी मिटा रहे हैं। पत्रकारिता के लिए, पैदा हुए कलंक। जन सेवा […]

दुनिया के हर इंसान को,क्या-क्या नाच नचाती है रोटी, एक सीधे सच्चे इंसान को,कैसे-कैसे हालातों से मिलाती है रोटी। जितनी आपाधापी है दुनिया में,उसका सीधा कारण है रोटी, महिलाओं की चिड़चिड़ाहट का भी, सीधा कारण है रोटी। गर ये रोटी,ये भूख न होती दुनिया में, तो इंसान की आधी परेशानियां,कम […]

चैत की पावन नौमी अनूप, लिए सुषमा का नया रंग लोना। राष्ट्र की संस्कृति ज्योति उदग्र, सजाये हुये शुभ बीज का बोना। कल्मष मानवों के मन का, तन का सब साथ ही आप ही धोना। जागृति की लिए दीप शिखा, की सुज्योति से ही तम का खोना। लोक में है […]

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अभी तो काव्य धारा को,किनारे से ही देख रही हूँ, मैं तो हूँ नवागत,धीरे-धीरे आप सभी से सीख रही हूँ। काव्य धारा के साथ बहने के लिए एक संपूर्ण कवि हृदय जरुरी है, काव्य सागर में डूबने के लिए,उसमें उतरना जरुरी है । मैं तो केवल हृदय के उद्गारों को, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।