सुख दुख जीवन के दो पहिये इनमे एक समान ही रहिये समय एक नही रहने वाला दुख भी तो है जाने वाला धैर्य कभी जो खोता नही जीवन की जंग हारता नही सुख मे अंहकार न आने पाये दुख मे निराशा न होने पाये देन है दोनो प्रालब्ध की ये […]

बीत गया जो उसे भूल जाओ वर्तमान को ही सफल बनाओ वर्तमान जिसका उत्तम होगा भविष्य स्वयं ही सर्वोत्तम होगा व्यर्थ चिंतन से मुक्ति इसकी दवा है सफल जीवन की यही कला है परमात्म चिंतन से आत्मा निखरेगी देह अभिमान से मुक्ति मिलेगी विकार भी योग से जल जाएंगे तन […]

समय केवल जाता है वापस कभी आता नही जो समय व्यर्थ गंवा दे उसके हाथ कुछ आता नही समय की अहमियत जो समझे सफलता वही पाता है समय जिसकी मुठ्ठी मे महावीर वह कहलाता है परमात्मा भी उसे प्यार करते देव स्वरूप  हो जाता है। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की […]

भक्ति जब पूरी होती मिलता ज्ञान प्रकाश ईश्वरीय योग लगाकर देखो पूरी हो जाती हर आश एक दूसरे को शुम कामना से मन का मैल मिट जाता हर किसी का भला हो सोच से सदभाव भी बढ़ जाता ईश्वर को साथी बनाने से दुश्मन न रहेगा कोई धर्मपरायण जीवन होगा […]

ईश्वर की सौगात है हवा,पानी और अन्न बिना इनके जीवन अधूरा चाहे राजा हो या रंक फिर भी भूल जाते ईश्वर को नही मानते उनका आभार स्व अभिमान  का नशा चढ़ाकर भूल जाते सद्व्यवहार ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का भाव न विस्मरत कीजिए जब भी अवसर मिले स्वयं से परमात्म […]

घड़ी की सुई ने रात मे 12 पार किये तो कलैंडर बदल गया 2018 से 2019 हो गया धीरे धीरे रात से सवेरा हो गया फिर नये वर्ष की बधाई देने वालो का देखते ही देखते तांता लग गया लेकिन नया क्या हुआ कलैंडर बदलने के सिवा क्या बुराइयां खत्म […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।