पुस्तक समीक्षा पुस्तक- बुलबुले सी जिंदगी लेखक – सुरेश चौधरी ‘इंदु’ प्रकाशक – शुक्तिका प्रकाशन, कोलकाता कीमत – रू. 125 मात्र  लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकों के लेखक सुरेश चौधरी ‘इंदु’ जी के बहुआयामी व्यक्तित्व का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इन्होंने ग्रेजुएशन साइंस स्ट्रीम से किया […]

 हौसले दिल में यदि, बुलंद हो तो, बंजर पड़ी भूमि को, आबाद कर सकते है / मेहनत, लगन से तुम, इसको सींचकर देखो, खुशियों के कमल स्वंय, ही खिल जायेंगे // दिल को दिल से, मिलाना सीखो, रिश्तो को प्यार से, निभाना सीखो / क्या रखा है, आपसी बैरभाव में […]

कितने वर्षो से हम, सब सह रहे है , खून के घूट मानो, कब से पी रहे है / कब तक जवानो को, यूही शहीद करवाओगे, मर्द होकर भी क्यों, हम नामर्द कहलायेंगे ? बंदकरो अब ये, राजनेताओ की वार्तालाप, साथ ही बहुत करलिए, शांति के प्रयास / गोली बारूद […]

कहाँ से चले थे, और कहाँ आ गए , जाना था कहाँ ,और कहाँ हम पहुंच गए / मंजिले मिली बहुत, पर हम ठहरे नहीं , क्योकि मुझको खुद, पता ही नहीं था / की मेरी आखिर, मंजिल कहाँ है  // किसको इसका दोष दे हम, सभी तो अपने हैं, […]

पुलवामा आत्मघाती हमला, सरहद और संसद दोनों पर ही मानसिक हमला हुआ है, न के घाटी दहल गई बल्कि उसी के साथ भारत की वो पीढ़ी भी दहल रही है जिसके ख्वाबों में सरहद पर जा कर देश सेवा करना आता है, वो भी दहल गए जिनके दिल में राष्ट्र […]

सारी दुनिया से अपनी, पहचान मिटा कर चले गए, भिगोकर खून में वर्दी, कहानी दे गए अपनी I मोहब्बत वाले दिन, वतन पर जान लुटा गए , और वतन से मोहब्बत वो, इस कदर निभा गए II अपनी सारी खुशियाँ और, अरमान लूटा कर चले गए, मोहब्बत मुल्क की सच्ची, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।