स्वयं को आत्मा मान लिया स्वयं के बारे मे जान लिया शरीर तो एक यन्त्र मात्र है आत्मा का एक घर मात्र है पांच तत्वों का यह खिलौना स्थाई नही नश्वर मात्र है आत्म स्वरूप रहते है जो चमक नही खोते है वो परमात्मा याद उनको रहती खुशमिजाज रहते है […]

जो भगवान के भोग लायक हो वही खुद भी खाना चाहिए स्वयं भोजन करने से पहले भोग भगवान को लगाना चाहिए जिसने दिया है हमे खाने को उसको करना याद जरूरी है पिता हमारा है वह जग नियन्ता उसका करना धन्यवाद जरूरी है हम तो भोजन परोसते है उसे वह […]

उत्तरायण मे  आ  गए  सूर्य  नारायण आज संकल्प  लो  सद्कर्म  का सफल  हो  हर  काज़ बडो  के  सम्मान  का बड़ा  अवसर  है  आज चरण छूकर उनके ले लीजिए आशीर्वाद मकर सक्रांति पर्व पर पात्र को  करते जो  दान सामाजिक समानता का वही बनते बड़ा प्रमाण ! #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन […]

मन की प्रवृति शान्ति फिर क्यों रहते अशांत एक जरा सी ठेस से क्यों हो जाता संताप जो बिछाये राह मे पत्थर शुक्रिया उसका कीजिए उन पत्थरो से कामयाबी जीवन मे पैदा कीजिए मुश्किलों की दीवारे भी राह न रोक पाएगी शांत स्वरूप मे अगर रहे मंजिल शीघ्र मिल जायेगी! […]

जीवन मे बबूल बनो नही कांटो से दोस्ती करो नही जो दुख दे वह किस काम का उसका हमसफ़र बनो नही बनना है तो पीपल बनो सबको शीतल छाया दो प्राण वायु आक्सीजन दो प्रेम,सदभाव ,संस्कार दो गुणवान की ही होती पूजा सद्कर्म से बढ़कर काम न दूजा। #गोपाल नारसन […]

गृह लक्ष्मी का सम्मान करना बहुत आसान पुरुष प्रधानता का अहं छोड़ स्त्री पुरुष हो जाये समान दोनो है परमात्म सन्तान फिर करते क्यो अभिमान गृह क्लेश एक अभिशाप देता हर किसी को सन्ताप घरेलू हिंसा तो महापाप है परिवार विघटन का शस्त्र मात्र है शांति,सदभाव,प्रेम बढ़ाओ हर परिवार को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।