बहन जिसकी नहीं सुनी कलाई है त्यौहार में राखी के आँख भर आईं है भाई के लिए बहन भी होना जरूरी है भाई से बहन ने सुख दुख जताई है प्रीत का ये त्यौहार है रक्षा बंधन इसी त्यौहार में खुशियां समाई है बड़े अनमोल है रिश्ते संभालने होंगे वरना  […]

हमारी भारतीय संस्कृति के त्यौहार । जुड़े हैं पावन गाथाओं से। रक्षा बंधन के साथ भी बँधा बलि का दान, मान, व्यवहार। वामन बन ,विष्णु ने लिया तीन पाँव धरती का दान। पर नापते समय हुए, त्रिविक्रम। बंधन बलि का, समर्पण शीश का प्रसन्न हो दिया, सुतल का राज्य। वर […]

रिश्ते नाते  रीत  प्रीत के, खून का रिश्ता फीका हैं।   आभासी  रिश्ते चलते हैं, दूर का  रिश्ता  नीका है। दूध का रिश्ता दूर हो रहा, शीश पटल मोहताज हुए।   पास पड़ोसी अनजाने से, अनजाने  जन खास हुए। भाई – भाई  हुए  अजनबी, बहने बन गई  परायी अब।   […]

  एक पेड़ हमने है देखा खिंची हुई सी लक्ष्मण रेखा हरियाली का चोला डाले पचा प्रदूषण हमको पाले। उसके नीचे पन्थी गाएं ऊपर पक्षी नीड़ बनाएं चहचहाहट दिनभर गूंजे रात सन्नाटा मधुर बनाएं। ईश्वर का अनोखा दूत हम सबका जीवन दाता जन्म पाया दूसरों के लिए अपने फल नहीं […]

बहरे- रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मज़हबी आग ने, ईमान जला रक्खा है अम्न के मुल्क में, तूफ़ान मचा रक्खा है। मुल्क बर्बाद करेगी ये, सियासत इक दिन तालिबे इल्म हैं अनुमान लगा रक्खा है। इस कदर दिल में जमाये, हैं कदम नफ़रत ने कोई हिन्दू न, मुसलमान बचा रक्खा है। […]

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  जल आपदा बढ़ता गया, जीवन यहाँ घटने लगा। धरती कभी बगिया रही, केरल वही पटने लगा। सौ साल में वर्षा नहीं, ज्यादा जलद फटने लगा। जलमग्न ये दक्षिण धरा, संपर्क अब कटने लगा। सैनिक बहादुर हैं बड़े, डरते नहीं सैलाब से। विपदा उपर से बरसती, कमतर कहाँ तेजाब से। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।