रिमझिम – रिमझिम करता सावन आया | तड़-तड़ करती चमकीली बिजली लाया || मोर नाचते, कोयल गाती मीठे-मीठे गान | बागों में झूले पड़े साथ मल्हारों की तान || बिन साजन सजनी तड़पे काली-काली रात | और ऊपर से बेरिन बनी वो मंद-मंद बरसात || टर्र-टर्र मेंढक करें, साँय-साँय करती […]

पिछले वर्षों ,में  पुराने 500 व  1000  की करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं होने के बाद  नए 500 व् 2000 के करेंसी नोट के चलन से भ्रष्टाचार  ,नकली करेंसी रोकने आदि हेतु उपायों को चलन में लाया गया  था  किन्तु  इसमें कुछ व्यवहारिक परेशानी का सामना आम लोगो से लेकर खास लोगो  करना पड़ा था  […]

धान रोपने वाले मजदूरों को समर्पित पग दलदल में मन उलझन में कमर बनी कमान वे रोपते धान। रंग बिरंगी पन्नी ओढ़े आते है सब दौड़े-दौड़े बस मेहनत ही भगवान वे रोपते धान !! बिच्छू सांप है संगी-साथी न वृष्टि न धूप सताती न आंधी और तूफान वे रोपते धान […]

मै नारी हूँ, ये अपराध मेरा तो नहीं हाँ मै नारी हूँ ! तुम्हारी लेखनी ने संस्कृति के उत्कर्ष तक मुझे पहुंचा दिया धरती का प्राणी ही नहीं देवी भी मुझे बना दिया किन्तु, तुमने मुझे बना दिया पातळ की छाती को विदीर्ण करनेवाली एक चीत्कार प्रकृति-पटी पर उमड़ती कोसी […]

घायल जिस्म में जान अब भी बाकी है, कहता है पाना है जो मुकाम वो अभी बाकी है। बेशक आज कमज़ोर है घायल है मगर खुदसे लड़ने को  राज़ी है, बहुत तडपा है ज़िन्दगी में आगे और तड़पना पड़े तो कोई गम नहीं के पाना है जो मुकाम वो अभी […]

विरद श्याम प्यारे निभाते नहीं क्यों ? पुकारें स्वजन किन्तु आते नहीं क्यों ?   बढ़ाते रहे  चीर  हो  द्रौपदी  की, यहाँ रोज़ ही नारियाँ लुट रही हैं। बिना लाज के मारते भ्रूण-कन्या, बिना बात गायें यहाँ कट रही हैं।   तुम्हें गाय-बछड़े हमेशा से प्यारे, उन्हें मौत से आ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।