बरसते भादों का महीना है प्रिये तुमको भीगके जाना है बोलती कोयल कुहू-कुहू हमने तुम्हें ही अपना माना है शीतल समीर चलती, मोर नाचते कल-कल कहती नदी बहती हमारे हृदय का कहना है बरसते भादों का महीना है ताल-तलैया, पोखर लेतीं हिलोरे मन तुम्हारा, मन हमारा डोले तुमको लज्जा के […]

नशा जो किया फिरे भीख मांगता घर बर्वाद | रिश्वतखोरी भरे घड़ा पाप का ड़र काल से | मारे उबाल भारत में अब भी व्यक्ति की जात | वो जी रहे हैं शोषण सहकर भूख मारके | कैसा विकास गरीब हाशिए पे गाँव निराश | नोट खाकर श्रीमान् मालामाल जन […]

आधी रात बीत चुकी थी रेलगाड़ी धड़धड़ाती तीव्रगति से दौड़ रही थी सन्त रामहरे खड़े-खड़े काफी थक चुके उनके पैर भी जवाब दे चुके थे परन्तु सीट तो छोडिये जमीन भी तिलभर खाली नहीं थी भारतीय रेल के सामान्य डिब्बे का सफर किसी जंग जीतने से कम नहीं होता और […]

आ गया प्यारा स्वतंत्रता दिवस, लेकर  अमर  क्रांति का संदेश | छाया  है  चहुँओर  हर्ष  ही  हर्ष, सबसे न्यारा-प्यारा है भारतवर्ष | लहरा  रहा  बड़ी शान से तिरंगा, दिलों में सबके बह रही प्रेमगंगा | हिंदू- मुस्लिम और सिख- ईसाई, रहते यहाँ सब मिलके भाई-भाई | सदा सुरक्षित रहे अपनी […]

पसीना झर रहा झरने की तरह जिस्म तर, कपड़े हैं तर दिन को मक्खियां और रात को मच्छर कैसे सहें इस उमस का कहर ? अमीरों ने लगाईं एसियां घरों में लेते मजे गर्मी में सर्दी का पूछो रामू से, श्यामू से कैसे गुजरती हैं रातें उमस भरीं ? खड़ा […]

आसमान पर ड़ाला ड़ेरा गाँव-शहर सबको आ घेरा बड़ी दूर से चलकर आये जाने कहाँ-कहाँ से आये तरह-तरह के रुप बनाकर बरसाते हैं मस्त फुहार आ गये बादल लेके उपहार समीर गा रही मीठी मल्हार सौंधी-सौंधी खुशबू आती कृषक मायूसी छटती जाती करे प्रतीक्षा सजनी चिट्ठी की भूले सजन सुध […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।