सियासत का खेल भी अजीब निराला है, परिश्रमी कार्यकर्त्ता आसन में और नेता सिंहासन में बैठते है। वह भी भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जहां तंत्र के पहरेदार लोकनीति के दुहाई देते नहीं थकते। वहां उन्हीं के सिपहसालार दुखडा रोते दिखाई देते है कि अब हमारी पूछ-परक कम हो गई […]

डॉं श्यामाप्रसाद मुखर्जी जयंती 6 जुलाई विशेषालेख………………….                 डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ऐसे महान देशभक्त थे जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखण्डता की बलिवेदी पर अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया। वह एक साथ ही शि‍क्षाविद्, सासंद, राजनीतिज्ञ और मानवतावादी कट्टर देशभक्त थे। इन्होंने विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की और शीध्र ही एक […]

      दिल पे नशा ये भारी है, सबसे बडी बीमारी है। कुछ पल का नशा सारी उम्र की सजा। फिक्रमंदी बैगर अच्छे-अच्छों को नशे का नशा हो जाता है। नशा चीज ही ऐसी है भाई! फिर क्यों नशे का नशा ना हो। गुमानी में जिधर देखो ऊधर नशा ही है। रसास्वादन […]

 रोटी-कपडा-मकान जीवन के अनिवार्य तत्व थे,  दौर में दवाई-पढाई-कमाई-आवाजाई और वाई-फाई जुड गए हैं । क्या इनके बिना अब जीवन की कल्पना की जा सकती हैं, कदाचित नहीं ! हम बात करें शि‍क्षा और स्वास्थ्य की तो वह दयानतहारी बनी हुई हैं, उसमें सुधार की और अधि‍क गुजांईश है। गौरतलब संविधान में शि‍क्षा और स्वास्थ्य […]

पर्यावरण कहे या पंचतत्व मतलब पानी आग, हवा, आसमान और जमीन। यही संसार और जीवन का मूलाधार है। इसी में हम जन्म लेते है और विलीन हो जाते है। यह स्वच्छ तो हम स्वस्थ नहीं तो सब नष्ट। बदतर हालात नष्ट-भ्रष्ट की ओर ही ईशारा कर रहे है। लिहाजा, पर्यावरण […]

भारतीय रेल हमारे आवागमन का आधार स्तंभ है। इसके बिना जीवन की परिक्रमा अधूरी रहती क्योंकि इस धूरी से उस धूरी की दूरी तय करने में लौहपथगामिनी का कोई शानी नहीं है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक फैले भारत वर्ष को हमारी रेल ने एक बना के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।