बनो फिर लक्ष्मीबाई तुम झुका आकाश को डालो। जरा सूरज के मुंह  पर भी, नए प्रकाश को डालो॥ उठा लो फिर से तलवारें, सुनो  ए  देश की नारी। जुल्म करने ही वालों के, बदल इतिहास को डालो॥                           […]

पाकिस्तान की आतंकवादी लंका जला दो मोदी जी, कराची के  सीने  में  अब  बम  फुड़वा दो मोदी जी। कब तक खेल चलेगा खूनी  विक्रम और बेताल का, लाहौर  के  सीने  में   आग   लगवा   दो   मोदी जी। माँगे   उजड़ी  है   पत्नी की  राखी  सूनी हो […]

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मैंने जब ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा लिखी `जूठन` आत्मकथा का भावन करके उसे आत्मसात् किया,तब मेरे मन में जो संवेदना,जो प्रश्न उठे,उसी को मैं सामने रखकर वाल्मीकि जी के प्रति अपनी शब्दांजलि प्रकट करना चाहती हूँ,क्योंकि कथा तो सब पढ़ते हैं लेकिन उस कथा में से जो संवेदनाएँ निकलती हैं उसे आत्मसात् करना […]

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तुम्ही तो हो ग़ज़ल मेरी,तुम्हीं मेरा तराना हो। तुम्हीं हो छंद की बरखा,तुम्हीं मौसम सुहाना हो॥ तुम्हारे ही लिए हमने,लिखी है प्यार की बातें। तुम्हीं मेरी मुहब्बत हो,तुम्हीं मेरा ठिकाना हो॥                                       […]

भर आए आँख आँसू,बलिदानी याद आए, ऐसी एक कविता सुनाना चाहता हूँ मैं॥ सुखदेव,राजगुरु और भगतसिंह  जी, कैसे  चढ़े फांसी,ये बताना चाहता हूँ मैं॥ रोज-रोज  लड़  रहे  हम  सब आपस में, ऐसे लोगों को अब जगाना चाहता हूँ मैं॥ देश  में  पनप  रही आतंकवादी बेल जो, उसे  ढूँढ जड़  से […]

अपनों से क्यों रुठी हो, अब मान भी जाओ गौरैया.. नन्हें-मुन्ने तुम्हें बुलाते, मेरे आँगन आओ गौरैया। दादी कहती रोज कहानी, जिसमें होती गौरैया दादू रखते दाना पानी, बाग बगीचे और मुंडेरे। छज्जे ऊपर डब्बा टांगा, पानी का सकोरा बाँधा चावल के दाने बिखराए, रहने आजा  गौरैया। अपनों से क्यों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।