परिवार  एकता जहां देखता स्वर्ग वही पर लगता है सबके चेहरे खिले खिले से सुंदर उपवन वह लगता है याद बड़ो को जो नित्य करते आशीष उन्हें ही मिलता है हर बाधा दूर हो जाती खुशियो का गुलदस्ता सा लगता है जिसे देश की चिंता रहती देशभक्त वही तो होता […]

ओहो  दीपावली  मनाएं । खुशियों  के  दीप जलाएँ । आज  धरा पर फैल रहा, अग्यान का अंधियारा। दीप जलाकर  रोशन कर दें फैलाए   उजियारा। अंधकार को दूर भगाकर विश्वास के दीप जलाएं। दूर गगन में चमक रहा है,जग का अनूठा प्रकाश। खेतों में हरियाली छाए, गाए खुशी का विकास। जगमग […]

।।दोहा।। जयति जय माता सरयू, जय विष्णु अश्रु धार। मोहि पर अब कर किरपा ,करो   मोर उद्धार।। ।।चौपाई।। मानसरोवर निकली धारा । तुम्हरी महिमा अपरम्पारा।। महिमा तुम्हरी कही न जाई।शिवभूमि काली तट कहाई।। शारदा राप्ती है सहायक । छपरा गंगा संग विलायक। मैदान आ   सरयू कहाई । अपन […]

इधर उधर की बाते, बिना बात की बाते, कुछ लोगो के चेहरे ही  उनका  गिरापन हर पल है दिखलाते, बिना बात इठलाते बेशर्म बड़े कभी भी अपनी हरकतो पर ना शर्माते, बिन पेंदी के है लौटे अपनी  जरूरत  के मुताबिक इधर उधर लुढकते है जाते, कपटी  शब्द  भी  इन्हें देखकर […]

जिसे चाहिए वो खुद इस के तस्सवुर में आए इश्क़ भी कभी औरों के भरोसे की गई है क्या मेरी प्यास बुझाने को ये मैक़दे अभी नाकाफ़ी हैं तुम्हारी निगाहों के सिवा भी मुझसे पी गई है क्या चाँद होगा हुश्न का माहताब आसमाँ में इस ज़मीं पे हुश्न की […]

हम भी प्रतिकूल परिस्थियों के कारण और कुछ प्रयासों के विफल हो जाने पर प्रयास करना छोड़ देते हैं। हम स्वयं को अपनी ही नकारात्मक सोच के बन्धनों में बाँध देते हैं,और यह मानने लगते हैं कि हमारे प्रयास कभी सफल हो ही नहीं सकते,लेकिन वास्तव में हमें यह नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।