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माटी के संग माटी बन खुद माटी में रम जाते हैं, अभिनंदन उन मानस का जो रोटी हमें खिलाते हैं। तपती धूप उन्हें क्या कहती,बादल भी झुक जातें हैं, तूफानों की जुर्रत क्या,वो आकर हाथ मिलाते हैं, ऊसर बीज बने इक पौधा,ऎसे उसे सहलाते हैं। अभिनन्दन उन…॥ बच्चों की किलकारी […]

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एक पार्टी में हम घूम रहे थे, खाली जगह को ढूँढ रहे थे। भीड़ से हर मेजबान घिरा था, मैं ही एक ऐसा सिरफिरा था। जो भीड़ से इतनी दूर खड़ा था, मन मेरा भी दावत में पड़ा था। एक टिक्की का दसों हाथ स्वागत करते, तब टिक्की किसी एक […]

ज़रा-सी ठेस लगती है तो शीशा टूट जाता है, मग़र क्यूँ आइने को साथ पत्थर का ही भाता है। उसी को जानती है मानती है पूजती दुनिया, अँधेरी बस्तियों में जो बुझे दीपक जलाता है। लहर की प्यास क्या जाने वो इक मासूम-सा बच्चा, जो टूटे साहिलों पर भी घरौंदों […]

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धूप में अब कहाँ वो बात है, हर तरफ ठण्ड का अहसास है। खाते थे गजक,रेवड़ी व मूंगफली, घूमा करते थे यूँ ही गली-गली… परवाह किसको थी, दिन है के रात है…। धूप में…॥ बैठ जाते थे अंगीठी घेरकर सभी, मिलेगा हलवा गाजर का अभी… भुलाकर भी भूलती नहीं, वो […]

चलते-चलते थक गए थे पाँव, दिख नहीं पाई कहीं दरख्त की छाँव रोजी-रोटी की तलाश में, छोड़ आया था गाँव पर मिल कहाँ पाया, कोई रहने का ठाँव पड़ोस के दीनू काका, के कहने पर ही तो आ गया था महानगर में, औकात से कुछ अधिक कमाने की कामना में, […]

आज बहने लगी यादों की धारा, स्मृति ने एक सुन्दर दृश्य उभाराl  सुहानी शाम का प्यारा, मेरे गाँव का खूबसूरत नजाराl    दूर तालाब के उस किनारे, दिनमणि अपने धाम सिधारेl  संध्या छाई गगन पटल में, धीमे कदमों की आहट मेंl    रक्ताभ सुनहरी नारंगी, सुरमई श्याम पचरंगीl  सांध्य तारे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।