सुहानी शाम

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pushpa sharma
आज बहने लगी यादों की धारा,
स्मृति ने एक सुन्दर दृश्य उभाराl 
सुहानी शाम का प्यारा,
मेरे गाँव का खूबसूरत
नजाराl 
 
दूर तालाब के उस किनारे,
दिनमणि अपने धाम सिधारेl 
संध्या छाई गगन पटल में,
धीमे कदमों की आहट मेंl 
 
रक्ताभ सुनहरी नारंगी,
सुरमई श्याम पचरंगीl 
सांध्य तारे की छवि चुनरी में,
लजाती-बलखाती सतरंगीl 
 
लौटते घर पाँखियों की पाँत,
एक-एक पल दूभर होता जातl 
बच्चों की सुधी में तेज उड़ान,
एक-दूजे से आगे निकले जातl 
 
वो सच की थी गोधूलि बेला,
रंभाती आती गायों का मेलाl 
बछड़ों का उछल-कूद मचाना,
गृहिणी रोक न पाती झमेलाl 
 
पनिहारिन बच-बचकर चलती,
दो घट डोली डोर संभलतीl 
घर जाने की रहती जल्दी,
पर बात सखी संग करतीl 
 
कंधे की लकड़ी पर रख दोनों हाथ,
थके ग्वाले अपने घर आतl 
आँगन की खाटों पर,
चहल-पहल
एक दूजे संग करते थे बातl
 
साँझ रूप से सबको रिंझाती,
थके हुओं को विश्राम दिलातीl 
रजनी की कर अगवानी,
फिर चुपके से गुम हो जातीl 
सुहानी शाम का प्यारा,
मेरे गाँव का खूबसूरत नजाराll  
                                                                 #पुष्पा शर्मा 
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।