देशभर में जम्मू-कश्मीर मामले पर जो कयास लगाये जा रहे थे, सरकार ने उन कयासों पर मुहर लगा दी है। 5 अगस्त को बुलायी गयी कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिये है। उन फैसलों को राज्यसभा में सुनाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि […]

कश्मीर की आज़ादी, 370 का हटना, 35ए का समाप्त होना, कश्मीरियत का हिंदुस्तानी तिरंगे में लिपट-सा जाना, चश्म-ए-शाही का मीठा पानी देना, झेलम का बासंती उफान, चिनार का खुशियाँ मनाना, चीड़ और देवदार का  झुक-सा जाना, डलका केसरिया बाना, कानून का एक-सा हो जाना, जब जायज है, पर उससे भी अधिक आवश्यक है हिंदुस्तानियों को कश्मीरियत के लिए प्यार लुटाना। यकीन मानिए कश्मीर कभी अलग नहीं था, बस चंद अतिमहत्वाकांशियों की भेंट चढ़ रहा था। मैं कश्मीर जब भी गया, बहुत मोहब्बत पाई, रिक्शेवाले से लेकर भोजनालय वाले तक, भाई से लेकर बहन तक, कश्मीरी भाषा के लेकर हिन्दी तक।कश्मीर के व्याकरण को समझने के लिए कुछ दिन तो गुजारना कश्मीर में। वहाँ कि आवाम भी इन फसाद, जंग, झगड़ों […]

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के गाँधी अध्ययन केन्द्र और हिन्दी अध्ययनशाला के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित त्रि-दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का शुभारंभ वाग्देवी भवन स्थित राष्ट्रभाषा सभागार में हुआ। संगोष्ठी का आयोजन ‘महात्मा गाँधी : भाषा, साहित्य और लोक संस्कृति […]

  कविता के स्वरुप के साथ छेड़छाड़ हुई, तुकबंदी के चक्कर में विधाएँ हाँफने लगी, भाषा का खुले आम अपमान होने लगा, कवि सम्मेलनों में बैठें धृतराष्ट्र के साथ बैठें दुस्शासन सरे आम काव्य का चीरहरण करने लग गए, विदूषक मंडलियों के सहारे निजी तो ठीक है पर सरकारी खर्च […]

17 साल की एक लड़की एक विधायक के घर नौकरी के लिए बात करने जाती है और फिर कुछ समय बाद वह बताती है कि विधायक के घर पर उसका रेप किया गया… इसके बाद वह गायब हो जाती है… उसके पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो जाती है… […]

जो बूढ़ी काकी की भूख समझाएं, जो गोदान की चिंता जताएं, जो ईदगाह का महत्व भी बता जाएँ, जो अलगू और जुम्मन का प्रेम दर्शाएँ, जो अग्नि समाधि और अनाथ लड़की की बात करें, जो अमावस्या की रात्रि को आखरी तोहफा कह दे, जो आत्माराम की आप बीती सुनाएं ,जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।