आज समूचा देश शोक के महासागर में डूब गया है। देश का एक महान सपूत चुपके से इस लोक से अलविदा कह गया है। मेडिकल साइंस के सारे प्रयोग असफल हो गए हैं। देह यात्रा जैसे पूरी हो गई है। आत्मा परम धाम की अनंत यात्रा पर निकल चुकी है। […]

देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज का दिन उन वीर शहीदों को नमन करने का दिन है जिनकी बदौलत हम हिंदुस्तान की आजाद फ़िजा में सांस ले रहे हैं। आइये शुरुआत शहीद भगत सिंह के इस जज्बे के साथ करें… ……. इस कद्र वाकिफ है मेरी कलम […]

शोखियों में घोला जाय फूलों का शबाब उसमें फिर मिलाई जाय थोड़ी सी शराब होगा वो नशा जो तैयार वो प्यार है प्यार… एक कवि जिसने दुनिया को प्यार का सूत्र दिया… दुनिया भी उसे उतने ही प्यार से आज श्रद्धांजलि दे रही है… उनके साथ जुड़े किन किन प्रसंगों […]

******************************** हिमालय की उपत्यका में गंडक नदी की यह तटवर्ती भूमि वैदिक युग में अनेक ऋषि-मुनियों एवं संत महात्माओं की साधना स्थली रही। प्राचीन काल में यह भूभाग लिच्छिवी गणराज्य के अंतर्गत था जहां प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का अभ्युदय हुआ। कालांतर में यह भू-भाग मगध साम्राज्य के […]

  भाग-३……………… फिल्म उद्योग में सभी पेशेवर हैं,काम के प्रति समर्पित,समय के पाबन्द। अलग-अलग प्रदेश,अलग-अलग भाषा के लोग कितनी अच्छी समझ के साथ मिलकर काम करते हैं,मुंबई फिल्म उद्योग इसकी मिसाल है। इस बीच फिल्म्स राइटर्स एसोसिएशन की सदस्यता भी मुझे मिल चुकी थी। करीब दो सप्ताह के बाद एक रोज मैंने हरिवंशराय […]

भाग 2…………. बीएससी.(ऑनर्स)की परीक्षा खत्म होने तक निर्माता निर्देशक बी.आर.चोपड़ा के चार पत्र आ चुके थे। दरअसल उन दिनों ‘चित्रलेखा’ नाम की फ़िल्म पत्रिका प्रकाशित होती थी,जिसके किसी अंक में मेरी दो ग़ज़ल छपी थीं। कहीं चोपड़ा साहब की नजर उस पर पड़ी थी। फिर उनकी फ़िल्म ‘आज की आवाज’ […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।