राजतंत्र उखाड़ा हमने, आज का लोकतंत्र निराला है। चाबी है भूखे नेताओं के पास , प्रजातंत्र के ताला है ।। नेताओं के वादों ने,जनता को गुमराह कर डाला है। बहाया है पैसा खरबों, ये तंत्र राजशाही का साला है।। आज़ाद भारत ने सोचा,देश का संविधान रखवाला है । प्रश्न इस […]

एक  राजा था।उसे आभास हुआ कि एक कुएँ  में  कुछ लोगों  ने अवैध तरीके से गहने छुपा रखे है। उसने अचानक अपने  सिपहियों को कुआं खोदने का हुक्म दिया।खुदाई शुरू हुई और अन्ततः कुछ भी हासिल नही हुआ ।राजा को उस खुदाई में हुए खर्च तथा कुएँ को सुदृढ करने […]

तब तक शायद बैंकों का राष्ट्रीयकरण नहीं हुआ था। बचपन के बैक बाल मन में भारी कौतूहल और जिज्ञासा का केंद्र होते थे। अपने क्षेत्र में बैंक का बोर्ड देख मैं सोच में पड़ जाता था कि आखिर यह है क्या बला। बैंकों की सारी प्रक्रिया मुझे अबूझ और रहस्यमय […]

करके अनुपम श्रृंगार, भर के आंखों में प्यारl मिलने को मुझसे आई थी, परियों की रानी इक बारll  शरमाते हुए सामने से आकर, अपनी पलकों को झुकाकरl थमा गई हाथ में मेरे, एक प्यारा-सा गुलाबl मिलने को मुझसे आई थी, परियों की रानी इक बारll  मुस्कुराते हुए कुछ कह रही, […]

हम आर्य पुत्र,धर्मरक्षक, हम सन्त सनातन ज्ञानी हैं। हम चक्र-सुदर्शन धारी हैं, हम अर्जुन आज्ञाकारी हैं। हम वीर भगत-आजाद से, धरती पुत्र बलिदानी हैं। हम सब हिंदुस्तानी हैं,  हम सब हिंदुस्तानी हैंll  हमने सबको देना सीखा, लेने की कोई प्यास नहीं  जितना दिया सरकार ने हमको, उससे ज्यादा की आस […]

तेरे दिल के मंदिर में मुझे एक दीपक जलाने दे, तेरे इश्क़ का पुजारी हूँ मैं,दुनिया को बताने देl सेवा तेरी कब तक करूं मैं,एक झलक दिख जा, हर रोज सुबह तेरी पूजा करूँगा,मुझे नहाने देl ठण्ड के मौसम में भी तेरी तपस्या कर रहा हूँ, उपवास रखा हूँ परसों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।