सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग। और लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता किए बगैर कुछ काम कुछ लोग कर लेते है तो बाद में मुँह दिखाने के लायक भी नहीं रहते। क्योंकि जब लोग कहते है तो इज्जत फालुदा ही बनता है। अब हनी ट्रैप को ही देख लो, लिव […]

केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम लागू क्या किया देश में गजब की हलचल मच गई। इसमें यातायात सुरक्षा के साथ-साथ यातायात स्वच्छता और स्वस्थता दिखाई पड़ी। कानून के मुताबिक नियम, कायदों को तोड़ने पर सक्त कार्रवाई और भारी जुर्माने का कड़ा प्रावधान है। यह पहले भी कम सीमा में […]

‘यदि प्राथमिक शिक्षा में भी मातृभाषा माध्यम न रखा गया तो ईश्वर भी भारतीय भाषाओं को नहीं बचा सकेगा।’ ये विचार वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव ने वैश्विक हिंदी सम्मेलन तथा सम्यक न्यास द्वारा वस्तु एवं सेवा कर आयुक्तालय मुंबई (मध्य) के सहयोग से जीएसटी भवन, चर्चगेट, मुंबई में आयोजित […]

संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता सांस्कृतिक गौरव संस्थान, गुरुग्राम के मुख्य सला हकार और राजभाषा हिन्दी के विशेषज्ञ डॉ. महेश चंद्र गुप्त ने की। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी-विभागाध्यक्ष और डीन तथा केंद्रीय हरियाणा विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी-विभागध्यक्ष प्रो. नरेश मिश्र ने देवनागरी लिपि के ऐतिहासिक स्वरूप का […]

वर्त्तमान समय में जिस तरह से हिंदी भाषा के उठान के लिए सोशल मिडिया ने जो कार्य किये है वो बहुत ही सराहनीय है / जिसके कारण आज सरे विश्व में हिंदी भाषा को सराहा जा रहा है। भारतीय संस्कृति का मूल आधार है हमारे देश की भाषा/ आज देश […]

महात्मा गांधी ने कहा था “ह्रदय की कोई भाषा नहीं है। ह्रदय ह्रदय से बातचीत करता है। और हिंदी ह्रदय की भाषा है। “हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय को 14 सितम्बर 1949 को लिया गया था। हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित एवम प्रचारित करने के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।