5

अम्मा की दो अंगुलियां काली नहीं होती अब तो, बच्चों के नैनों में काजल भी नहीं मिलती अब तो। कजरा रे और काले नैना कोरी कल्पना रह गयी, और धीरे धीरे काजल श्रृंगारदान से गायब हो गयी। पल्लू माँ की साड़ी का अब गंदा नहीं होता माँ से रह कर […]

नमामि गंगे परियोजना की लेटलतीफी  पर केंद्रीय मंत्री की अफसरों से नाराजगी पर खांटी  खड़गपुरिया का पंच… वाकई… आप महान हैं श्रीमान कहलाते हैं अफसर, दिखाते हैं शान वाकई आप महान हैं श्रीमान … चोरों से यारी , शरीफों से अकड़ आपका तो काम ही है हर काम में बाधा […]

ए मेरे हमसफ़र, ओ मेरे दिलबर, तुझे पाकर! तेरा मैं दीवाना हुआ, इस जग से भी, अब मैं अंजना हुआ, मैं तो खुद से भी, अब तो बेगाना हुआ। तेरी जुल्फ़ें! ओ कातिल अदाएं तेरी, तेरी आँखों का काजल! दिल चुरा ले गयी, तेरी ओठों की! मादक मुस्कुराहट मेरी, तेरे […]

भावना के रंगों से  बनी मेरे इश्क की   तस्वीर हो तुम, देखा जिसको पूरी रात वो हसीन ख़्वाब हो तुम, गाते हैं  गुनगुनाते हैं  जिसको तेरे साथ मेरे इश्क़ को बयां   करती आवाज़ हो तुम, मेरे इश्क की   तस्वीर हो तुम. तेरी नज़रों में दिखता सदा मेरे लिए  प्यार, डर भी था हमें ज़माने का फिर भी […]

कविता के संबंध में मेरी मान्यता है कि कुछ लोग कविता लिखते हैं, कुछ लोग कविता पढते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कविता को जीने की वस्तु समझते हैं। कवि रूपेश कुमार तीसरे प्रकार के व्यक्ति हैं। विगत कुछ महीनों से उनकी कविताओं पर मेरी दृष्टि अनवरत […]

1

मैं ज्ञान दीपक अरमान हर अज्ञान देता बरदान जलकर उजेला।। नवीन कुमार भट्ट।।।।।।। प्रतियोगिता से इत्तर ये हरे अंधेरा तेरा मेरा डाले बसेरा दीपक जलके देता नया सबेरा।। मैं जला अगला पला भला ज्ञान की कला है सीखता चला दीपक पे अगला।। #नवीन कुमार भट्ट परिचय : पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।