“भेड़िया आया… भेड़िया आया…” पहाड़ी से स्वर गूंजने लगा। सुनते ही चौपाल पर ताश खेल रहे कुछ लोग हँसने लगे। उनमें से एक अपनी हँसी दबाते हुए बोला, “लो! सूरज सिर पर चढ़ा भी नहीं और आज फिर भेड़िया आ गया।“ दूसरा भी अपनी हँसी पर नियंत्रण कर गंभीर होते […]
मामूली हैं मगर बहुत खास है… बचपन से जुड़ी वे यादें वो छिप छिप कर फिल्मों के पोस्टर देखना मगर मोहल्ले के किसी भी बड़े को देखते ही भाग निकलना सिनेमा के टिकट बेचने वालों का वह कोलाहल और कड़ी मशक्कत से हासिल टिकट लेकर किसी विजेता की तरह पहली […]
देखना अब सम्भव नहीं था और जो सम्भव था वह था दिखावा कई सदियां बीत जाने पर जो दृष्टि उभर कर आयी थी वह दिखावे को देखने भर की पुष्टि कर पायी थी तुम जो दिखाते वह तुम नहीं थे हम जो दिखाते वह हम नहीं थे तुम जो […]
बैठ जाता हूँ अक्सर थक हार कर जब चला न जाये तो पैर पसार कर रुकने का मतलब ये नहीं की हम डर गए काँटों पर चल कर पहुँचते है मंजिल के उस पार और तभी होती है जग में जय जयकार चाह मोतियों की सागर में उतरा कई बार मिले हो रतन […]
कितनी ईर्ष्या है भाई , इस कर्महीन जमाने में। यह कितनों को है लाई, महलों से झोपड़ियों में।कितनी ईर्ष्या है भाई , इस कर्महीन जमाने में। भाई भाई में नहीं बनती, रिस्ते हैं अब जेभो में। कितनी ईर्ष्या है भाई, इस कर्महीन जमाने में। क्यों करते हैं ईर्ष्या पता नहीं, […]
लोकतंत्र का पर्व अनुपम , होता है मतदान बड़ा , करता है निर्माण राष्ट्र का , शांति और समृद्धि भरा , जाति धर्म का भेद भाव तज , चुनता है अपना नायक , सत्ताधारी बने विपक्ष वा , होवे नही वे खलनायक , राष्ट्रहित सर्वोपरी रहे , आत्मसेवी हो नही […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।