सांस चले तो जीवन मिलता बिन सांस का मतलब मौत बिना सुकर्म के जीवन बेकार व्यर्थ बोल से भला है मौन जिल्लत से तो मौत भली इज्जत है जीवन का मौल अपना वही जो सन्मार्ग बताए वर्ना दुनिया में अपना कौन दुःख में जो साथ निभाये वही अपना मत पूछो […]

किरदार निभाते सब अपना कर्म निभाते सब अपना जीवन रूपी इस यात्रा मे सुख अपना दुख भी अपना जन्म के साथ यात्रा चलती संघर्षो के साथ आगे बढ़ती संस्कार से सुपथ बनता विकर्मो से भाग्य बिगड़ता सृष्टि रूपी जीवनगाड़ी मे कोई चढ़ता कोई उतरता इस गाड़ी का प्रभु नियन्ता वही […]

नित्य उठकर लीजिए परमात्मा का अब नाम अच्छी सुबह हो जायेगी बिगड़े बनेंगे सब काम परमात्मा ही पिता हमारे दुख हर लेते सारे के सारे मिले खुशी जब लगे ध्यान जीवन हो जाता है निष्काम स्वार्थ,लोभ विदा हो जाते क्रोध से भी मुक्त हो जाते मोह ,माया से न कोई […]

शांतचित रहना सीखो क्रोध को भगाना सीखो बीमारी पास न आएगी किस्मत अच्छी हो जायेगी शांति मे ही तो आनन्द है इसी से मिलता परमानन्द है प्रभु मे ध्यान लगाकर देखो प्रभु को अपना बनाकर देखो जीवन खुद संवर जायेगा परमात्म बोध हो जायेगा इस सत्य को अपनाकर देखो प्रभु […]

मीत बने जब परमात्मा हो जाए आत्म उद्धार मन से विकार दूर हो पवित्र हो आचार विचार शांत मन ,स्वस्थ तन हो खुशिया रहे घर द्वार एक परमात्म याद रहे न माया ,मोह ,कुविचार अशरीरी बनकर रहो देहभान मिटाकर रहो मिलेगा सुख अपार कलियुग मिट जायेगा सतयुग होगा आपके द्वार।#श्रीगोपाल […]

जैसी करनी वैसी भरनी यही अध्यात्म की सीख जो भी इंसान पाप करे उससे न हो कभी प्रीत पाप का घड़ा भरता है पाप का फल भी मिलता है राजा हो या फिर रंक करनी का दण्ड मिलता है पाप कर्म जिसने किये आत्मा बोझिल उसकी हुई जिसने किये अपराध […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।