‘माँ हमारी गाय बहुत बीमार इसे डॉक्टर के पास क्यों नही ले जाते?’ नन्ही जूही ने अपनी माँ से कहा। माँ ने दर्द को छिपाते हुए कहा ‘बेटी तेरे बाबा भी अपनी पहली बीमार गाय को डॉक्टर के लेकर गए थे उनकी लाश ही आई थी ऐसें में कौन अपनी […]
परेशानियों के डर से जीना छोड़ दें, कष्ट हों तो क्या जिंदगानी छोड़ दें, लोग साथ न दें तो चलना छोड़ दें, आत्मविश्वास हो तो हर मिथक तोर दें, लड़कर परेशानीयों को पीछे छोड़ दें, हम केशव हैं! क्या हार के डर से लड़ना छोड़ दें? गरीबी,बेरोजगारी मजबूरी की बात […]
ये दिन कर्फ्यू के हैं काव्य-संग्रह : स्वाति श्वेता संस्करण : प्रथम 2018 प्रकाशक : भारत पुस्तक भंडार, दिल्ली पृष्ठ संख्या : 100 मूल्य : 250 /- रुपए *********************** संवेदनशील कवियित्री स्वाति श्वेता जी का सद्य प्रकाशित प्रथम काव्य संग्रह जिसमें आपने अपने आसपास नज़र आ रही संवेदन शून्यता को […]
रिमझिम – रिमझिम करता सावन आया | तड़-तड़ करती चमकीली बिजली लाया || मोर नाचते, कोयल गाती मीठे-मीठे गान | बागों में झूले पड़े साथ मल्हारों की तान || बिन साजन सजनी तड़पे काली-काली रात | और ऊपर से बेरिन बनी वो मंद-मंद बरसात || टर्र-टर्र मेंढक करें, साँय-साँय करती […]
वही डेढ़-दो बज रहे होंगे।कबाड़ी के दुकान में काम कर रहा दुखना मालिक से बोला-“मालिक खाए खातिर 50₹ दे देते।” मालिक-“खाना…..! होटल में खाएगा! घर से टिफीन लेकर क्यों नहीं आया?” दुखना-“मालिक, कनिया के बोखार लागल रहै खाना नै बनैलकै।” मालिक-बहाना छोड़, आ ई बता कि एक टाईम 50₹ का […]
सोचता हूँ आज मौत से दोस्ती कर लूँ जिस्म को रख गिरवी रूह का व्यपार कर लूँ बहुत टूटे हैं मेरे सपने इस बाजार में उस संसार में सबको साकार कर लूँ धोखे के जखमों का दर्द अब सहा नहीं जाता अनदेखे लोक के मरहम को लगा के देख लूँ नहीं दिखता शीशे में अक्स […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।