लागाव अपने शहर का बहुत अलग होता है। जिंदगी जीने का ठंग शहर में अलग होता है। भूल जाते है अपने उच्चपद को गाँव में। क्योंकि सभी के प्रति सम्मान का भाव रहता है।। खेलकून्द और पढ लिखकर लायक होकर बड़े बने। उस क्षैत्र से लगाव मनमें अधिक रहता है। […]
सुनो भैया सुनो बहना, करूँ विनती मैं बस इतनी। बचा लो ऊर्जा मिलकर, करूँ अरज मैं बस इतनी। बिना ऊर्जा जरा सोचो, क्या होगा हाल हम सबका? होगा जीना बड़ा मुश्किल, बुरा होगा कल हम सबका। आज जगमग है ये दुनियाँ, ना जाने कल क्या होगा? ना होगी यदि ऊर्जा […]
मैं त्योहार मुझे पैसों से क्या? खुशियों से नाता रखता हूँ। बिन खुशियों के कभी-कभी, ढोंगी बन ढोंग दिखाता हूँ।। रिश्ता तो सभी धर्मों से है, रिश्तेदार महज़ बदले देखा। बिन प्यादे का लोटा बनकर, कइयों को ज्ञान बांटते देखा।। सच्चाई से दूर खड़ा, धर्मों में बंट रह जाता हूँ। […]
सत्य कभी न छोड़िये परीक्षा कड़ी चाहे होए सत्य मे है बड़ी शक्ति जीत इसी की होए सत्य है परमात्मा नाम कल्याण इसी में होए जो परमात्म पथ पर चले कल्याण उसी का होए सत्य एक वही पालनहार ज्योतिबिन्दु रूप है उनका शिव परमात्मा वही तो है सर्वगुण स्वरूप है […]
अब इस संसार में, संस्कार बहुत कम दिखता है, धोखे के बाजार में, मां बाप का प्यार बिकता है।। छोड़ देते है वृद्धाश्रम में उन्ही के बच्चे जिन्हे मां बाप अपने खून से सिंचता है।। पाल पोषकर बड़ा किया, उन्हे उनके पैरो में खड़ा किया। मंदबुद्धि औलाद की ये तो […]
पिछले अनेक वर्षों से भारत में कृषि अर्थव्यवस्था के गहरे संकट में फँसे होने की ख़बरें सुर्ख़ियों का हिस्सा बनती रहीं। यह बहुत दुखद है कि अपनी संकटपूर्ण स्थिति को दुनिया के सामने दर्ज करने के लिए पिछले क़रीब ढाई दशक में पाँच लाख से ज्यादा किसानों को आत्महत्या का […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।