मैं तो अछूत बच्चा हूँ जी, समझ का भी थोड़ा कच्चा हूँ जी। मुझे समझना है कि पापा क्यों पीते हैं, मुझे समझना है कि घर के बर्तन क्यों रीते हैं। मुझे समझना है कि मम्मी क्यों पिटती है, मुझे समझना है कि भूख कैसे मिटती है। क्यों मां मुझको […]

दिल में समाते जाते हो, क्यों मेरे करीब आते हो….। जब जाना ही था दिल से हमारे, फिर क्यों हर दिन याद आते हो….। कहते हो कि हमें तुम याद हो, फिर अक्सर हमें भूल जाते हो….। यूं तो तुमसे हसीं बहुत से हैं, तुम्हीं क्यों दिल में समाते हो….। […]

खुद से रूबरू हो गए, लो फिर शुरू हो गए। कल तक जो बेहिज़ाब थे, आज वो आबरू हो गए। वफ़ा हमने की उनसे, और वो सुर्खरू हो गए। इज्जत बचाने निकले थे, रास्ते में बेआबरू हो गए। जमाने को पढ़ाने लगे, हम सब के गुरु हो गए।     […]

हे शिव शम्भू इस श्रावण में कैसे तेरा गुण गान करुं। भक्तों की लाशों पर चढ़कर कैसे तुझे प्रणाम करुं॥ निर्दोषों की बलि चढ़ाकर अत्याचारी मुस्काते हैं। तेरे मंदिर के रस्ते में मासूम गोली से भूने जाते हैं। हे शिव शंकर आतंकी मंसूबों को कैसे नाकाम करुं। भक्तों की लाशों […]

व्यासजी धर्म प्रवचनकर्ताओं में सबसे अग्रणी माने जाते हैं,सच्चे मार्ग दर्शक ही गुरु कहलाने के अधिकारी हैं,इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्कन्दपुराण-गुरुगीता प्रकरण में गुरु शब्द की व्याख्या करते हुए कहा गया है। ‘गुकारस्त्वन्धकारः स्याद् रुकारस्तेत उच्यते। अज्ञान ग्रासकं ब्रह्म गुरुरेव न संशयः॥’       […]

-अकाल सूखता जिस्म, धरती की दरारें हत चेतन। झुलसी दूब, पानी को निहारते सूखे नयन। ठूंठ से वृक्ष, झरते हैं परिंदे पत्तों के जैसे। गिद्ध की आंखें, जमीन पर बिछीं वीभत्स लाशें। -बाढ़ एक सैलाब, बहाकर ले गया सारे सपने। उफनी नदी, डूबते उतराते सारे कचरे। मन की बाढ़, शरीर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।