यह सच है कि गुरु कोई व्यक्ति नहीं पद है । गुरु वह है जिसके पीछे अगर ‘अ’( शून्य, रिक्त, अभाव, नहीं,आदि)  भी लग जाए तो गौरव हो जाता है ।( गुरु+अ =गौरव) #  लेकिन इसके लिए शून्यता के बोध से गुरु के पीछे चलना पड़ता है ,आगे नहीं । […]

 मैं अमूमन समीक्षाएँ कम लिखता हूँ । कारण यह है कि काफी संख्या में मिले पुस्तकों में से अगर किसी एक पर लिखता हूँ तो दूसरे साथी सोचेंगे कि उनकी पुस्तक में क्या कमी है ! बात सच भी है । वर्षों की साधना से लिखे किसी पुस्तक को कुछ […]

सबके दिलों का हाल जानता कौन है ? अब बुरे वक़्त में हमें पहचानता कौन है ? यहाँ उम्र बीत जाती है जोड़ने में रिश्ते, पल भर में तोड़ देते हैं निभाता कौन है ? सब जीते हैं अपने गुरुर को बचाने में, एक-दूसरे की बात आज-कल मानता कौन है […]

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बेटियाँ घर का मान होती हैं,पिता का सम्मान होती है,                                  भेदभाव न करो इनसे,आखिर ये भी इन्सान होती है। किसी ने दिलों को छुआ,तो किसी ने आसमां को,              […]

राखी का त्यौहार मनाएं, भाई-बहिन की शुचिता पर हम लम्बे-लम्बे गीत सुनाएं॥ राखी का त्यौहार मनाएं…। क्या वो किसी की बहिन नहीं, जो तेजाबों से जलती है। उसकी प्यारी भोली सूरत क्यों खल नयनों को खलती है॥ देहरी से बाहर आते ही क्यों, पग-पग पर वो डरती है। साए की […]

रथविहीन हूँ हे गिरधर,क्या तारणहार बनोगे तुम। बीच भंवर में नैया है,क्या अब पतवार बनोगे तुम॥ कालिंदी के कुल,कदम्ब की डाल पे बंशी बजाओगे। या चक्र सुदर्शन धार पातकी का संहार बनोगे तुम॥ कोदण्ड उठाकर अब फिर से,क्या दाशरथि तुम आओगे। दसकन्धर के अट्टाहास से क्या मुक्ति दिलवाओगे॥ शर-संधान चाप […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।